2015 में सऊदी अरब का बजट घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 98 अरब डॉलर पहुंच गया है। सरकार ने मंगलवार से पेट्रोल की कीमत 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने की घोषणा की है।
ओपेक को उम्मीद है कि क्रूड की कीमतों में धीरे-धीरे सुधार होगा और चार साल बाद यह 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर के स्तर को छू जाएगा। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और गहराती जा रही है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमतें 11 साल के निचले स्तर पर फिसल गई। इसकी मुख्य वजह ओवर सप्लाई है।
सरकार ने बुधवार को पेट्रोल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में 30 पैसा प्रति लीटर और डीजल पर 1.17 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की है।
नवंबर का महीना आयात-निर्यात के लिहाज से सरकार के लिए राहत और आफत दोनों लेकर आया है। पिछले महीने निर्यात में 24.43 फीसदी घटकर 20.01 अरब डॉलर रहा।
पेट्रोल के दाम में 50 पैसे और डीजल के दाम में 46 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। पेट्रोलियम प्रोडक्ट के दाम में यह कटौती उम्मीद से काफी कम मानी जा रही है।
अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में थोक महंगाई बढ़ गई है। दाल, सब्जी, फ्यूल और नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में महंगाई -1.99 फीसदी दर्ज की गई।
बीते 10 दिन में क्रूड ऑयल 13% सस्ता हो चुका है। इन सबके बीच उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1-1.50 रुपए की कटौती हो सकती है।
दुनिया के बड़े बैंक और फाइनेंशियल एडवाइजर क्रूड के दाम 20 डॉलर तक आने का अनुमान लगा रहे है। यानी क्रूड की कीमतें चालू स्तर आधी रह रह जाएगी।
कार खरीदते वक्त हम सिर्फ दो ही बातों पर जोर देते हैं। पहला कार की कीमत क्या है और कितना माइलेज करती है। जबकि हमें इससे आगे की भी जानकारी हासिल करनी चाहिए।
ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने दिल्ली में पेट्रोल के रिटेल बिक्री मूल्य में 58 पैसे प्रति लीटर कटौती करने की घोषणा की है।
मध्य पूर्व देशों में जैसे ही तनाव बढ़ता है क्रूड ऑयल की कीमतों तेजी आने लगती है और देश में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने चीजें सभी महंगी हो जाती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच चल रही बातचीत अगर सफल होती है तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती हैं।
क्रूड ऑयल की कीमतों पर एक बार फिर गिरावट हावी होता नजर आ रहा है। मजबूत डॉलर और ग्लोबल स्तर पर रिकॉर्ड भंडार के कारण क्रूड की कीमतों में तेज गिरावट आई है।
रविवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी कच्चे तेल की वजह से नहीं एक्साइज ड्यूटी की वजह से हुई है। पिछले एक साल में 5 बार ड्यूटी बढ़ी है।
दाल, सब्जी और खाने पीने की दूसरी वस्तुओं के अलावा पेट्रोल और रसोई गैस महंगी होने के चलते अक्टूबर में थोक महंगाई दर में उछाल आया है।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले एक हफ्ते में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाना तक सब कुछ महंगा हो गया है।
रविवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतें 36 पैसे और डीजल 87 पैसे प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की है। पेट्रोल और डीजल की नई दरें रात 12 बजे से लागू होंगी।
ऑयल कंपनी के सीईओ इयान टेलर की क्रूड की कीमतें दोबारा 100 डॉलर प्रति बैरल तक नहीं जाने की भविष्यवाणी करते हैं तो इसके भारत के लिए कई मायने हैं।
देश में एक लीटर पेट्रोल उत्पादन की लागत 24.75 रुपए है और हम इसे खरीदने के लिए 60.70 रुपए (दिल्ली में) खर्च करते हैं।
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