नाइजीरिया की सप्लाई चिंता और डॉलर में कमजोरी के कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ कर 52.34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं जो वर्ष 2016 का उच्चतम स्तर है।
2015-16 में सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क से 1,98,793.3 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ, जो इसके पिछले साल की तुलना में 80.14% अधिक है।
ऑस्ट्रेलिया में पेट्रोल की कीमत 1999 के बाद निचले स्तर पर आ गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट से मिली। 81.4 अमेरिकी सेंट प्रति लीटर रही।
नॉर्वे ऐसा पहला देश बनने जा रहा है जहां डीजल-पेट्रोल से चलने वाली कारों पर पूरी तरह बैन लग जाएगा। सरकार और विपक्षी दल के बीच इस बात की सहमति बनी है।
डीजल कारों पर अदालतों की ओर से आए कड़े फैसलों ने पेट्रोल कारों की तरफ एक बार फिर ग्राहकों का रूझान बढ़ा दिया है।
दुनिया की प्रमुख तेल कंपनी सउदी अरब की सउदी अरामको तथा फ्रांस की टोटल एसए ने भारत में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन की रिटेल बिक्री के लिए अपनी रुचि दिखाई है।
पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के सवाल को हल्के में टालते हुए पेट्रोलियम मंत्री कहा, इस मामले में बिना सोचे समझे कोई कदम उठाना ठीक नहीं होगा।
ट्रकों और बसों का परिचालन करने वाले ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था एआईएमटीसी ने सरकार से ईंधन की बढ़ी हुई कीमतें वापस लेने की मांग की है।
पिछले पांच हफ्ते में पेट्रोल 4.47 रुपए और डीजल 6.46 रुपए प्रति लीटर मंहगा हो चुका है। इसके कारण फ्यूल के दाम पिछले एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
रात से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जोरदार बढ़ोत्तरी कर दी है। पेट्रोल की कीमत में 2.58 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 2.26 रुपये की बढ़ोतरी की गई।
पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी के बाद गोवा सरकार ने अपने नागरिकों को महंगाई से थोड़ी राहत जरूर दी है। राज्य सरकार ने वैट दो प्रतिशत घटा दिया है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी की घोषणा की गई हैं। पेट्रोल 0.83 रुपए प्रति लीटर वही डीजल 1.26 रुपए महंगा हो गया है।
एशियाई बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें 2016 के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आने वाले दिनों में भी तेजी जारी रहेगी।
एक बार फिर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे ईरान हो सकता है।
दुनिया भर में तेल कुओं की खोज 60 साल में सबसे निचले स्तर पर आ गई है। अगर हालात ऐसे रहे तो अगले 10 वर्षों में क्रूड सप्लाई डिमांड के मुकाबले घट सकती है।
2013 से लेकर अब तक पेट्रोल के दाम में 32 बार कटौती की गई, जबकि इस दौरान इसकी कीमत 21 बार बढ़ाई गई। इसी प्रकार डीजल के दामों में 19 बार कटौती की गई
पेट्रोल और डीजल के बाद बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी), मिट्टी के तेल और विमान ईंधन एटीएफ कीमतों में वैश्विक रूख के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है।
पेट्रोल के दाम में 1.06 प्रति लीटर और डीजल के दाम में 2.94 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी
भारत में पेट्रोल, डीजल की खपत में तेजी से विस्तार के बीच पेट्रोलियम ईंधन मांग 7.3 फीसदी बढ़ सकती है। इस साल बढ़कर 19 करोड़ 30 हजार टन रह सकती है।
पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती घरेलू मांग के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज की मौजूदा वित्त वर्ष में कई सौ नए पेट्रोल पंप स्थापित करने की योजना है।
लेटेस्ट न्यूज़