प्राप्त राजस्व का उपयोग सरकार की विभिन्न विकास संबंधी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में किया जाता है।
पेट्रोलियम मंत्री के मुताबिक फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल कीमतों को एक समान बनाने की किसी योजना पर कोई विचार नहीं कर रही है।
12 हफ्ते से कम के वक्त में पेट्रोल में 11.44 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। इसी तरह, राजधानी में डीजल की कीमत भी पिछले दो महीनों में 9.14 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।
चालू वित्त वर्ष के पहले तीन माह (अप्रैल-जून) में पेट्रोल और डीजल पर कुल 94,181 करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क वसूला गया है।
सभी मेट्रो शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर का स्तर पार कर चुकी है। लेकिन पिछले चार दिनों से कीमत स्थिर बनी हुई है।
ब्रेंट क्रूड जुलाई के अपने उच्चतम स्तर से करीब 8 प्रतिशत टूट चुका है। तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन बढ़ाने के ऐलान के बाद कच्चे तेल में नरमी दर्ज हुई है।
चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पेट्रोल की कीमत में 39 बार, जबकि डीजल की कीमत में 36 बार बढ़ोतरी की गई है।
तेल उत्पादक देशों द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने और कोरोना को लेकर नई चिंतायें सामने आने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है और ब्रेंट क्रूड एक महीने के निचले स्तरों पर पहुंच गया।
ओपेक देश के बीच रखे गये प्रस्ताव के मुताबिक कीमतों में कमी के लिये उत्पादन को 20 लाख बैरल प्रति दिन बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। जिसपर अब सहमति की उम्मीद बन गयी है।
सरकार ने कोविड राहत उपायों के लिए अतिरिक्त धन जुटाने के लिए पिछले साल मई में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है।
कंपनी ने कहा कि इस नई मूल्यवृद्धि के बाद भी सीएनजी पेट्रोल से 67 प्रतिशत और डीजल से 47 प्रतिशत सस्ती है।
एसबीआई कार्ड्स पर खर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि ईंधन पर खर्च बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए गैर-विवेकाधीन स्वास्थ्य पर खर्च में कटौती हो रही है।
बीते करीब 6 हफ्ते में ही पेट्रोल 10.5 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है। वहीं डीजल में इसी अवधि के दौरान 9 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।
नये पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि उनका जोर भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने पर होगा और कुल खपत में गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की जरूरत है।
बीते करीब 6 हफ्तों में ही पेट्रोल 10.24 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। वहीं डीजल 8.83 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
एफएफवी यानि फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल सामान्य वाहनों का एक संशोधित संस्करण है जो इथेनॉल मिश्रणों के विभिन्न स्तरों के साथ गैसोलीन और डोप्ड पेट्रोल दोनों पर चल सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में यह फिर से बढ़ सकता है। इस अवधि में खुदरा कीमतों में कमी लाने का एकमात्र तरीका केंद्र और राज्य दोनों द्वारा कर में कटौती है।
एथेनॉल पेट्रोल की तुलना में बेहतर ईंधन है और यह एक आयात विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी है।
पिछले दो माह से कम समय में वाहन ईंधन कीमतों में 31 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम इस समय अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं।
मई से अब तक 32 बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जा चुके हैं। इस अवधि के दौरान पेट्रोल 8.15 रुपये महंगा हो गया है। वहीं डीजल 8.22 रुपये महंगा हो गया है।
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