कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक पखवाड़े से भी कम समय को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में प्रतिदिन होने वाले संशोधन को रोक दिया है।
मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है और घरेलू स्तर पर पेट्रोल का दाम 75-80 रुपए प्रति लीटर है, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 300 डॉलर तक पहुंचता है तो घरेलू स्तर पर पेट्रोल की कीमतों के भी 300 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती पर विचार नहीं कर रही है क्योंकि मूल्य फिलहाल उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, जहां इस तरह की कार्रवाई करने की जरूरत होगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार महंगे होते पेट्रोलियम पदार्थों पर लगातार नजर रखे हुए है और इस बढ़ती कीमतों के बारे में सरकार चिंतित है।
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राहत मिलन की उम्मीद कम है, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर विचार नहीं कर रही है।
सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जब से रोजाना बदलाव करना शुरू किया है तब से लेकर अबतक इनकी कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है वह किसी भी एक साल में हुई अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम में तेजी के चलते भारत में भी कीमतों में उफान आ रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 82 रुपए प्रति लीटर पहुंचने वाली हैं।
घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने की आशंका भी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, गुरुवार को ब्रेंट क्रूड के भाव ने 74.24 डॉलर प्रति बैरल का ऊपरी स्तर छुआ है जो 41 महीने में सबसे ज्यादा भाव है
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार ने कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया है।
रुपए में आई इस कमजोरी की वजह से मौजूदा हालात में फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता नजर आ रहा है, इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा
तेल कंपनियों ने साफ कहा है कि उन्हें सरकार की तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है जिसमें कंपनियों को बढ़ी हुई लागत उपभोक्ताओं पर नहीं डालने के लिए कहा गया हो
डीजल का भाव पहले ही देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और पेट्रोल की कीमतें करीब 4 साल के ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में अगर भाव और बढ़ा तो उपभोक्ताओं पर खराब असर पड़ेगा
इंडियन ऑयल के मुताबिक देश के कई शहरों में डीजल का दाम 70 रुपए के पार हो चुका है तो कई शहरों में 70 रुपए के करीब है, पेट्रोल की कीमतों ने भी 4 साल की नई ऊंचाई को छुआ है
केरल में कांग्रेस की अगुआई वाले विपक्ष ने बुधवार को केरल सरकार पर केंद्र के साथ मिलकर पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का आरोप लगाया और विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में करीब 2.5 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है, अब इसका दाम घटकर 67.60 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है, इसी तरह WTI क्रूड की कीमतों में सोमवार को करीब 3 प्रतिशत की गिरावट आई है
कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की ताजा मूल्यवृद्धि का कड़ा विरोध करते हुए सोमवार को केंद्र सरकार पर आम आदमी की कीमत पर सरकारी खजाना भरने का आरोप लगाया। पार्टी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग भी दोहरायी।
PPAC के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दिन पाकिस्तान के मुकाबले भारत में पेट्रोल का भाव करीब 57 प्रतिशत अधिक, श्रीलंका के मुकाबले 51 प्रतिशत ज्यादा और नेपाल के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया
पेट्रोल-डीजल: सोमवार को डीजल की कीमतें फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, ऐसे में पेट्रोलियम मंत्री ने GST काउंसिल से अपील की है कि वह इन्हें GST के दायरे में रखें
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