आप अपनी गाड़ी का टैंक आज ही फुल करवा लें, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 13 मई से पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ी बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है।
एक अंग्रेजी न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 13 मई से पेट्रोल और डीजल दोनों ही 1.5 रुपए प्रति लीटर तक महंगे हो जाएंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कॉरपोरेशन (IOC) के चेयरमैन संजीव सिंह ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अस्थायी तौर पर स्थिर रखने का फैसला किया है ताकि ईंधन के मूल्य में तीव्र वृद्धि नहीं हो और ग्राहकों में घबराहट न फैले।
अमेरिकी करेंसी डॉलर में आई तेजी की वजह से भारतीय करेंसी रुपए में एकतरफा गिरावट देखी जा रही है। डॉलर का भाव बढ़कर 67 रुपए के पार चला गया है जो फरवरी 2017 के बाद सबसे अधिक भाव है। रुपए में आई इस गिरावट से मौजूदा हालात में फायदा कम और नुकसान ज्यादा नजर आ रहा है।
कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक पखवाड़े से भी कम समय को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में प्रतिदिन होने वाले संशोधन को रोक दिया है।
मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है और घरेलू स्तर पर पेट्रोल का दाम 75-80 रुपए प्रति लीटर है, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 300 डॉलर तक पहुंचता है तो घरेलू स्तर पर पेट्रोल की कीमतों के भी 300 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती पर विचार नहीं कर रही है क्योंकि मूल्य फिलहाल उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, जहां इस तरह की कार्रवाई करने की जरूरत होगी।
रूस की पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट के स्वामित्व वाली एस्सार ऑयल लिमिटेड ने अपनी कॉरपोरेट पहचान बदलने के लिए अपना नाम और लोगो बदलने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार महंगे होते पेट्रोलियम पदार्थों पर लगातार नजर रखे हुए है और इस बढ़ती कीमतों के बारे में सरकार चिंतित है।
विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2018 में कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और कोयला जैसे ईंधन की कीमतों में 20 प्रतिशत तक इजाफा होने की उम्मीद है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक कीमत है। कच्चे तेल की कीमतों में आई इस तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राहत मिलन की उम्मीद कम है, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर विचार नहीं कर रही है।
सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जब से रोजाना बदलाव करना शुरू किया है तब से लेकर अबतक इनकी कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है वह किसी भी एक साल में हुई अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम में तेजी के चलते भारत में भी कीमतों में उफान आ रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 82 रुपए प्रति लीटर पहुंचने वाली हैं।
घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने की आशंका भी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, गुरुवार को ब्रेंट क्रूड के भाव ने 74.24 डॉलर प्रति बैरल का ऊपरी स्तर छुआ है जो 41 महीने में सबसे ज्यादा भाव है
पेट्रोल-डीजल: सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में भी डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार ने कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया है।
रुपए में आई इस कमजोरी की वजह से मौजूदा हालात में फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता नजर आ रहा है, इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा
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