तीन नवंबर को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी जिसके बाद 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने भी राहत का ऐलान किया
ज्यादातर वितरकों को उनके भंडारण क्षमता के हिसाब से 10 से 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई करने में उन्हें एक या डेढ़ महीना लगेगा।
कर्नाटक ने जहां दोनों पर 7 रुपये की कटौती की, जिससे वहां पेट्रोल 12 रुपये और डीजल 17 रुपये सस्ता हो गया। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश ने पेट्रोल पर 7 रुपये और डीजल पर 2 रुपये वैट घटाया
चंडीगढ़ में पेट्रोल पर वैट प्रतिशत 22.45 प्रतिशत से घटाकर 15.24 प्रतिशत और डीजल पर 14.02 प्रतिशत से घटाकर 6.66 प्रतिशत कर दिया गया है।
गठबंधन कोरोना वायरस महामारी के दौरान उत्पादन में की गई कटौती को बहाल करने के लिए सावधानी से आगे बढ़ रहा है, जिसके चलते कच्चा तेल सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
यूपी की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल 95.28 और डीजल 86.80 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है।
हरियाणा सरकार ने भी बृहस्पतिवार को ईंधन पर वैट घटाने की घोषणा की जिससे दिवाली पर भाजपा-जजपा शासित राज्य में पेट्रोल और डीजल 12 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की।
ब्रोकरेज ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगा, जबकि पहले का अनुमान 6.2 प्रतिशत था और यह रेखांकित किया कि यह अभी भी 6.8 प्रतिशत के लक्ष्य से कम रहेगा।
एक दिन पहले, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश सरकार ने भी दोनों ईंधन पर वैट की दर कम की थी, जिससे राज्य में ये 12 रुपये प्रति लीटर सस्ते हो गए।
राज्य स्थानीय बिक्री कर या वैट (मूल्य वर्धित कर) न केवल आधार मूल्य पर बल्कि केंद्र द्वारा लगाए गए उत्पाद शुल्क पर भी लगाते हैं, इसलिए ईंधन की कीमतों में अधिक कटौती हुई है।
उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर सात रुपये तो डीजल पर दो रुपये लीटर वैट कम कर दिया। इस प्रकार यहां दोनों ईंधनों के दामों में 12-12 रुपये प्रति लीटर की कमी हो गई है।
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के एक्साइज शुल्क में भारी कटौती करने के फैसले से अब राज्य सरकारों पर वैट घटाने का दबाव बढ़ गया है ताकि आम नागरिकों को और राहत मिल सके।
अक्टूबर के महीने में पेट्रोल 7.45 रुपए जबकि डीजल 7.90 रुपए प्रति लीटर तक महंगा हो गया था। इस दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमतें भी नय़े रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गयीं थी।
बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 110.04 रुपये जबकि डीजल का दाम 98.42 रुपये प्रति लीटर है।
अक्टूबर में एटीएफ की बिक्री 4,34,600 टन रहीं, जो महामारी-पूर्व के 2019 के स्तर से 34 प्रतिशत कम है। वहीं इसी माह के दौरान रसोई गैस की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़ गयी है।
पेट्रोल-डीजल के रिकॉर्ड तोड़ बढ़ते दामों की वजह से आम लोगों का बजट पूरी तरह से पटरी से उतर गया है। आज भी ईधन के दामों में इजाफा हुआ है।
पिछले साल पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 19.98 रुपये से बढ़ाकर 32.9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसी तरह डीजल पर शुल्क बढ़ाकर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था।
Petrol Diesel Price: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पेट्रोल के दाम 109.79 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 101.19 रुपये प्रति लीटर हैं। तमिनलाडु की राजधानी चेन्नई में पेट्रोल 106.04 और डीजल 102.25 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
दिल्ली के बाहर अन्य शहरों के हाल और भी बदतर हैं। देश के कई शहरों में पेट्रोल (Petrol) 120 रुपये लीटर के ऊपर बिक रहा है।
आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 114.47 रुपये और डीजल 105.49, चेन्नै में पेट्रोल 105.43 रुपये और डीजल 101.59, कोलकाता में पेट्रोल 109.12 रुपये और डीजल 100.49 रुपये में मिल रहा है
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