मोदी सरकार देश के 80 करोड़ लोगों का मुफ्त राशन उपलब करा रही है। कोरोना महामारी के बाद यह सुविधा मोदी सरकार दे रही है। इससे देश के गरीब आबादी को बहुत फायदा मिलेगा। ऐसे में अगर आप एक शहर से दूसरे शहर शिफ्ट होते हैं तो भी आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
पीएमजीकेएवाई के छह महीने के विस्तार पर सरकार को लगभग 12,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
Free Ration Scheme: पीएमजीकेएवाई योजना को आगे बढ़ाने के बारे में पूछने पर पांडेय ने कहा, ‘‘ये बड़े सरकारी फैसले हैं, सरकार इस पर फैसला करेगी।’’
आज हुई बैठक में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, पेट्रोलियम मंत्रालय, IOC, BPCL, HPCL के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्रदान कर रही है।
शादी के बाद या बच्चे के जन्म से परिवार बढ़ने पर राशन कार्ड में इसकी जानकारी दर्ज कराने के लिये नये या संशोधित आधार की जरूरत होगी।
योजना में अप्रैल, मई और जून के लिए हर महीने प्रत्येक राशन कार्डधारक को पांच किलो अनाज (गेहूं/चावल) और प्रत्येक राशन कार्डधारक परिवार को एक किलो दाल मुफ्त देने का प्रावधान किया गया था। बाद में योजना को पांच महीने और बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया गया।
केंद्र की मोदी सरकार कोरोना संकट के बीच 80 करोड़ गरीबों को नवंबर 2020 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत फ्री राशन दे रही है। आप ये जरूरी काम करके घर बैठे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
योजना के तहत लाभार्थी एक ही राशन कार्ड से देश में कहीं भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का अनाज ले सकेंगे।
एफसीआई ने एक बयान में कहा कि 3.51 लाख टन खाद्यान्न में 1.74 लाख टन प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत और बाकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत दिया गया है।
शहरी क्षेत्र की जो महिलाएं इस कार्य में शामिल होना चाहती हैं उन्हें पंजीकरण करना होगा और 1,000 मास्क बनाने का जिम्मा लेना होगा।
FCI 64 रेल रैक के जरिए लगभग 1.79 लाख टन खाद्यान्न देश के विभिन्न हिस्सों में भेज चुकी है
देश में जरूरत के मुकाबले करीब 3 गुना अनाज मौजूद
सरकार ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी है
फिलहाल पंजाब को छोड़कर बाकी राज्यों में एक साथ अधिकतम 2 महीने का राशन लेने की छूट
अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत करते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है।
केन्द्र सरकार ने देश में 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' व्यवस्था लागू करने के लिये राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 30 जून 2020 तक का एक साल का समय दिया है।
यह कदम लाभार्थियों को स्वतंत्रता प्रदान करेगा क्योंकि वे किसी एक राशन की दुकान से बंधे नहीं होंगे और दुकान के मालिकों पर अपनी निर्भरता कम करेंगे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगे।
जून महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी तक बिहार के सात जिलों में किसानों से छटांक भर गेहूं की भी अधिप्राप्ति (सरकारी खरीद) नहीं हुई है।
सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
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