भारतीय पूंजी बाजारों में भागीदार पत्रों (पी-नोट) के जरिये किया जाने वाला कुल विदेशी निवेश अप्रैल में घटकर एक लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया, जो इसका नौ साल का न्यूनतम स्तर है।
घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-note) के जरिये निवेश मई माह में सात महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। 1.81 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया।
शेयर बाजार में अवैध धन के प्रवाह को रोकने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पी-नोट्स के जरिए निवेश को और कड़ा किया है।
पी-नोट के जरिये घरेलू पूंजी बाजार में किए गए विदेशी निवेश का स्तर इस वर्ष फरवरी में इससे एक माह पहले की तुलना में घटकर 1.70 लाख करोड़ रुपए रहा।
घरेलू पूंजी बाजार में P-note निवेश जनवरी अंत तक बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपए हो गया। पिछले महीने निवेश 43 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये घरेलू पूंजी बाजार में निवेश अक्टूबर महीने में घटकर करीब ढाई साल के निचले स्तर दो लाख करोड़ रुपए पर आ गया।
भारत के पूंजी बाजार में भागीदारी नोट (पी-नोट) के जरिए निवेश मई महीने के अंत तक बढ़कर 2.15 लाख करोड़ रुपए हो गया।
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