भले ही Pakistan भारत को आंखें दिखाता हो लेकिर उसकी हैसियत भारत के मुकाबले कहीं भी नहीं टिकती। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान (Pakistan Economy) हमारे सामने कहां खड़ा है
नकदी संकट का सामने कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी गिरावट के साथ 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है। यह वर्ष 2019 के बाद पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का न्यूनतम स्तर है।
Pakistan Crisis: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने IMF पर सीधा आरोप लगाते हुए उसे पाकिस्तान की बरबादी का कारण बताया है।
Pakistan में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने रविवार को पेट्रोल की कीमत में 3.05 रुपये प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा की थी।
Pakistan पर तेल और गैस के पैसे चुकाने लायक पैसे भी नहीं हैं और देश पर दीवालिया होने का खतरा पैदा हो गया है।
Pakistan in deep Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने अब सरकारी कंपनियों के शेयर मित्र देशों को बेचने की योजना बना रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 4 बिलियन डॉलर की सहायता राशी की जरूरत पड़ेगी। ताकि वह अपने वित्तीय घाटे की भरपाई कर सके।
Economic Crisis: पाकिस्तानी रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर 239.94 पर बंद हुआ।
भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान कंगाल होने के कगार पर आ गया है। पाकिस्तान का करेंट अकाउंट डेफिसिट अपने चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में CAD 17.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है
Pakistan News: हाल ही में जारी रैंकिंग में पाकिस्तान संघर्ष से तबाह सीरिया, इराक और अफगानिस्तान से ही ऊपर है।
मंत्री ने कहा कि आईएमएफ के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार जरूरत से चार अरब डॉलर कम है। उन्होंने कहा कि हम इस अंतर को इसी महीने पाट लेंगे। हालांकि, उन्होंने मित्र देशों का नाम नहीं बताया।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार महामारी की छठी लहर की आशंका के बीच इस बीमारी के इलाज और बचाव में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की किल्लत हो गई है
अप्रैल में सत्ता संभालने वाली शहबाज शरीफ सरकार के कार्यकाल में पेट्रोलियम उत्पादों में की गई यह चौथी बढ़ोतरी है।
मीडिया में आई खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि आईएमएफ ने पाकितान से कहा है कि वह एक भ्रष्टाचार निरोधी कार्यबल का गठन करे।
यूएई ने सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनियों में एक तय कीमत पर अल्पांश शेयरों की खरीद की पेशकश की है। इसके साथ ही यूएई ने इन कंपनियों के निदेशक मंडल में एक-एक सीट देने की भी मांग रखी है।
शहबाज ने कहा कि 15 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले व्यक्तियों पर एक प्रतिशत कर लगेगा। वहीं, 20 करोड़ की आय पर दो प्रतिशत कर लगेगा।
पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर का यह सहायता पैकेज 2019 से लंबित है। आईएमएफ ने जुलाई 2019 में 39 महीने के लिए इसकी सहमति दी थी।
शरीफ सरकार के कुछ फैसले और मंत्रियों के ऊल जलूल सुझाव जिनका सोशल मीडिया पर खूब मजाक बन रहा है।
इकबाल ने कहा, ‘‘मैं देशवासियों से अपील करता हूं कि चाय का सेवन एक से दो कप कम करें। हमें कर्ज लेकर चाय का आयात करना पड़ रहा है।’’
बाजारों का मानना है कि संघीय बजट 'अपर्याप्त' है और फंड इस बजट को स्वीकार नहीं कर सकता है।
खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए अब शहबाज शरीफ सरकार ने कड़े कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं। सरकार ने अपने कर्मचारियों पर कार खरीदने से रोक लगा दी है।
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