पाकिस्तान की कुल विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल 12.6 अरब डॉलर है। खुदरा महंगाई मौजूदा साल में जुलाई से सितंबर के बीच 29 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
Pakistan PM: पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने आईएमएफ के साथ समझौते का उल्लंघन किया है।
IMF Relief Package: पाकिस्तान इस समय आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। वह आईएमएफ से राहत पैकेज लेने के लिए लगातार कोशिश में लगा हुआ है।
IMF ने 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के खाते में स्थानांतरित कर दिया है।
धनप्रेषण में चार अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आना इस लिहाज से अहम है कि पाकिस्तान सरकार मुद्राकोष से तीन अरब डॉलर की राहत पाने के लिए लगातार कोशिशों में लगी रही है।
जून में समाप्त वित्त वर्ष में व्यापार घाटा एक साल पहले की तुलना में 43 प्रतिशत घटकर 27.55 अरब डॉलर पर आ गया।
कलपुर्जों की किल्लत के चलते Pak Suzuki ने 22 जून से 8 जुलाई तक अपने मोटरसाइकिल और कार मैन्युफैक्चरिंग प्लाांट को बंद रखने की घोषणा की है।
पाकिस्तान की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालांकि उसे डिफॉल्ट से बचने के लिए दोस्त चीन से बड़ी राहत मिली है। चीन से पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की राशि मिली है।
IMF Relief Package: पाकिस्तान इस समय आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। वह आईएमएफ से राहत पैकेज लेने के लिए लगातार कोशिश में लगा हुआ है।
Pakistan Foreign Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बताया कि इससे पहले लगातार दो सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार घटा था। अब अच्छी खबर आई है।
सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान में जुलाई, 2022 से लेकर मई, 2023 तक मुद्रास्फीति (Inflation) 29.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 11 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11.5 प्रतिशत रखा गया था। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में कर संग्रह में उच्च वृद्धि के तौर पर सकारात्म
सालाना आधार पर पाकिस्तान के कर्ज में 34.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है।
अगले वित्त वर्ष के संघीय विकास बजट में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है और इसे बढ़ाकर 950 अरब रुपये कर दिया गया है।
पाकिस्तान विदेशी कर्ज से गले तक डूबा हुआ है, वहीं उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी अब नाम मात्र का बचा है। इस बीच कमरतोड़ महंगाई ने वहां के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खाने-पीने के सामान से लेकर पेट्रोल तक सब महंगा हो गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वित्त मंत्री इशाक दार ने बार-बार दावा किया है कि कर्मी स्तरीय समझौते पर पहुंचने के लिए पाकिस्तान ने सभी शर्तें पूरी कर ली हैं और समझौते से पीछे हटने का कोई कारण नहीं है।
पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ समझौता करने के लिए मार्च में सऊदी अरब से धनराशि देने की पुष्टि करने का आग्रह किया था।
पाकिस्तान में पेट्रोल की तेल डिपो पर मौजूदा कीमत 272 रुपये प्रति लीटर है। अगर सरकार ने तेल की वैश्विक मूल्य वृद्धि का बोझ उपभोक्ताओं पर डाला तो यह कीमत 286.77 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है।
पाकिस्तान को आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मिलने का इंतजार है। यह किस्त वर्ष 2019 में मुद्राकोष की तरफ से पाकिस्तान के लिए स्वीकृत 6.5 अरब डॉलर के राहत पैकेज का हिस्सा है।
पाकिस्तान को अप्रैल 2023 से जून 2026 के बीच 77.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है।
पाकिस्तान में सऊदी अरब के राजदूत ने हाल ही में संकेत दिए थे कि उनके देश ने ‘मुश्किल हालात में हमेशा पाकिस्तान की मदद की है और जल्द ही अच्छी खबर दी जाएगी।
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