विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए 9 अरब डॉलर की जरूरत है। इसके लिए फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
CLSA लिमिटेड लगभग दो दशक बाद पाकिस्तान में दोबारा लौट रही है। चीन के सबसे बड़ी ब्रोक्रेज कंपनी के नियंत्रण वाली सीएलएसए पाकिस्तान बाजार में अपना विस्तार चीन सरकार के बेल्ट एंड रोड पहल के हिस्से के रूप में कर रही है।
विदेशी मुद्रा भंडार अप्रैल में 426 अरब डॉलर से घटकर अगस्त की शुरुआत में 403 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण अप्रैल से रुपए की विनिमय दर में गिरावट आना रहा है। भारत की तुलना में पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 10 अरब डॉलर है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सोने का आधिकारिक रिजर्व 64.6 टन है और वह दुनियाभर में गोल्ड रिजर्व के मामले में 44वें स्थान पर है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने अमेरिकी न्यूच चैनल सीएनबीसी से साक्षात्कार में IMF को आगाह करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई गलती नहीं करें। उन्होंने यह भी कहा कि IMF जो करेगा उस पर हमारी निगाह है
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंशाफ (PTI) को सबसे ज्यादा बहुमत मिलने से वहां के शेयर बाजार में मजबूती देखी जा रही है। पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में KSE 100 इंडेक्स 600 प्वाइंट से ज्यादा की तेजी यानि करीब 1.5 प्रतिशत बढ़कर 41950 के ऊपर ट्रेड हो रहा है।
किसी भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार उसकी मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत होता है और इस मामले में चीन, भारत से लगभग 8 गुना आगे है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा रखने वाले 10 बड़े देशों के बारे में जानें तो चीन इस मामले में पहले नंबर पर है जबकि भारत सातवें स्थान पर है।
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आज आम चुनाव के लिए मतदान हो रहा है और मतदान के दौरान वहां के शेयर बाजार में उछाल देखा जा रहा है।
भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने विदेशी निवेशकों के सामने बड़ा ऑफर दिया है। अब निवेशक 100 फीसदी स्वामित्व के साथ पाकिस्तान में कारोबार कर सकते हैं
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को ग्रे-सूची में डालने के बाद राष्ट्रीय मुद्रा के मूल्य में गिरावट के बीच देश के भीतर मुद्रा संचरण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
स्विस बैंकों में किसी देश के नागरिक और कंपनियों द्वारा धन जमा कराने के मामले में 2017 में भारत 73वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का स्थान भारत से एक ऊपर यानी 72 वां हो गया है।
पाकिस्तान को कर माफी योजना से कर के रूप में भारी-भरकम रकम मिली है। यह योजना पाकिस्तानी नागरिकों के विदेश में किये गये निवेश या संपत्तियों को वैध करने और रिटर्न में उनकी घोषणा के लिये शुरू की गई। पाकिस्तान में लगभग 5,000 लोगों ने अपनी विदेशी संपत्ति घोषित करते हुए रिटर्न दाखिल किया है और अब तक कर के रूप में करीब 80 अरब रुपए जमा होने की उम्मीद है। सरकार की यह योजना आज बंद हो रही है।
पेरिस स्थित बहुपक्षीय संगठन वित्तीय कार्यवाई बल (एफएटीएफ) ने आतंकवादी संगठनों को धन उपलब्ध कराने के रास्ते बंद करने की पाकिस्तान की योजना को भरोसेमंद नहीं माना है और उसे इस मामले में संदिग्ध देशों की सूची में डाल दिया है।
श्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर इंटरनेशनल ने पाकिस्तन की सॉवरेट रेटिंग को घटाकर स्टेबल से निगेटिव कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने यह कदम विदेशों के साथ करोबार की दृष्टि से देश की कमजोरी और आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव को देखते हुए उठाया है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को क्रय शक्ति क्षमता (PPP) के संदर्भ में हिंसा के कारण पिछले साल 1,190 अरब डॉलर यानी 80 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 595.40 डॉलर यानी 40 हजार रुपए से अधिक है।
पाकिस्तान और रूस ने समुद्र के नीचे गैस पाइपलाइन के व्यवहार्यता अध्ययन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप दिया है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा उसके विदेशी मुद्रा भंडार से लगाया जा सकता है। कई बार करेंसी की उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भारत महीने भर में जितने डॉलर खर्च कर देता है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ उतना ही बचा है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 10.32 अरब डॉलर बचा है। पाकिस्तान का यह रिजर्व उसके आयात की सिर्फ 2 महीने की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के तय किए हुए मानकों से कम है
केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि वर्तमान आयात नीति के तहत निजी कारोबारियों को पाकिस्तान से चीनी आयात करने से नहीं रोका जा सकता है। पासवान ने पत्रकारों को बताया कि दरअसल, पाकिस्तान की चीनी कोई मसला नहीं है।
भारत सरकार ने बुधवार को बताया कि इस साल अप्रैल से लेकर अब तक पाकिस्तान से कुल 1908 टन चीनी का आयात किया गया है। इसका कुल मूल्य 6.57 लाख डॉलर है।
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