देश के पास वर्तमान में आठ अरब डॉलर से भी कम का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो उसके मात्र 1.7 माह का आयात करने के लिए काफी है।
प्रस्ताव में मसूर पर बीसीडी 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की गई थी। बोरिक एसिड पर सीमा शुल्क 17.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत हो जाएगा।
भारत 618.2 टन स्वर्ण भंडार के साथ दुनियाभर में 10वें नंबर पर है।
मोदी सरकार ने रक्षा पेंशन के लिए 1,12,079.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल रक्षा आवंटन लगभग 431,010.79 करोड़ रुपये है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47% है।
यह कर्ज देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने और जीवन दशा को बेहतर करने के मकसद से दिया गया है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी सभी राजनेताओं में सबसे अमीर हैं। उनके पास कुल 150 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
प्रधानमंत्री इमरान खान भी बार-बार लोगों को चेतावनी दे रहे हैं कि कड़ी कानूनी कारवाई से बचने के लिए वह अपनी छुपी संपत्ति की घोषणा करें।
सात करोड़ डॉलर का उपयोग देश के उत्तर पश्चिम में स्थित खैबर- पख्तूनखवा क्षेत्र में पर्यटन सेवाओं के विकास के लिए किया जाएगा। विश्वबैंक के निदेशक मंडल ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के लिसे इस ऋण को मंजूरी दी।
इससे पहले चीन ने पाकिस्तान को जमा और वाणिज्यिक कर्ज के रूप में 4.6 अरब डॉलर दिए थे।
पाकिस्तान ने पिछले महीने 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए आईएमएफ के साथ समझौता किया था। इस राशि का उपयोग पाकिस्तान अपने वित्तीय संकट को दूर करने में करेगा।
शेख और बख्तियार ने रविवार को घोषणा की थी कि पाकिस्तान को एडीबी से बजटीय समर्थन के लिए 3.4 अरब डॉलर का कर्ज मिलेगा।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को संदेह वाले देशों की सूची में रखा हुआ है। इससे मुद्रकोष विश्वबैंक,एडीबी तथा ईयू (यूरोपीय संघ) उसकी वित्तीय साख कम कर सकते हैं।
चीन पाकिस्तान में बहुत अधिक निवेश कर रहा है। वह 60 अरब डॉलर वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत यहां निवेश कर रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में भ्रष्टाचार के मामलों में राजनेताओं की गिरफ्तारियों को सही ठहराते हुए कहा है कि वह देश को बुरी तरह कर्ज में डुबाने वाले 'चोरों' को नहीं बख्शेंगे।
दोनों देशों के बीच बुरे संबंधों से सिर्फ पाकिस्तान के कारोबारी ही नहीं प्रभावित हुए बल्कि इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ा है।
पाकिस्तान अर्थव्यवस्था इस समय बेहद खस्ताहाल दौर से गुजर रही है। विशालकाय विदेशी कर्ज और बढ़ते राजकोषीय घाटे के बीच पाकिस्तानी रुपया भी डॉलर के मुकाबले गोते खा रहा है।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं ये तो जगजाहिर है लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तानी मुद्रा रिकॉर्ड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान के रुपए की कीमत काफी गिर गई है।
पिछले सप्ताह 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ प्रारंभिक समझौते के बाद यह कदम उठाया गया है।
घरेलू मुद्रा में गिरावट आने के साथ कराची स्टॉक एक्सचेंज-100 इंडेक्स भी 1.4 प्रतिशत टूट गया।
भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र फिर से खोलने के बारे में पाकिस्तान सरकार 15 मई को समीक्षा करेगी।
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