सरकार की ओर से होने वाली धान और गेहूं की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस स्थिति के चलते सरकार चालू विपणन वर्ष के लिये तय लक्ष्य को आराम से हासिल कर लेगी।
मौजूदा खरीफ सीजन में जारी खरीद से करीब एक करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। इन किसानों को अब तक सरकार की तरफ से 1.28 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत है।
दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच चालू खरीफ विपणन सत्र में अब तक धान की खरीद में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह खरीद 638.57 लाख टन की हुई है, जिसकी कीमत 1,20,562 करोड़ रुपये है।
एपीडा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 9 महीने यानि अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान देश से 115.97 लाख टन चावल एक्सपोर्ट हुआ है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 64.30 लाख टन चावल का निर्यात हो पाया था।
केंद्र ने 25 जनवरी तक 583.31 लाख टन धान की खरीद की है, जो एक साल पहले की अवधि में 483.92 लाख टन की खरीद के मुकाबले 20.53 प्रतिशत अधिक है। धान की अब तक 583.31 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब का योगदान 202.77 लाख टन है।
देश में 569.76 लाख टन धान की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.77 लाख टन का योगदान दिया है। इसके बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ का हिस्सा है।
मंत्रालय के मुताबिक खरीफ सीजन में अब तक 98 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की खरीद हो चुकी है, जिससे 67.89 लाख किसानों को फायदा मिला है। वहीं कुल 521 लाख टन धान की खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 202.77 लाख टन रही है।
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है।
झारखंड में किसानों से धान खरीद पर सरकार के रोक से नाराज मुख्य विपक्षी भाजपा ने पाकुड़ के विभिन्न मंडलों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका तथा राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की।
पंजाब में सरकारी एजेंसियों ने 201.73 लाख टन धान खरीदा है, जोकि कुल खरीद का 67.80 फीसदी है। वहीं, दूसरे स्थान पर हरियाणा है जहां कुल खरीद का 19 फीसदी धान खरीदा गया है।
खाद्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, 15 नवंबर तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल, गुजरात और आंध्रप्रदेश में धान की कुल खरीद 281.28 लाख टन हुई, जोकि पिछले साल की इसी अवधि की खरीद 233.89 लाख टन से 20.25 फीसदी अधिक है।
सरकार ने चालू फसल वर्ष के लिए कॉमन ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए वेरायटी के धान का 1,888 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
आंकड़ों के मुताबिक सीजन में अब तक 151.17 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। यह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक है। सीजन में अब तक हुई कुल धान की खरीद का मूल्य 28,543 करोड़ रुपये है।
चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि धान के ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। 18 दिन में 10500 करोड़ रुपये की खरीद की गई
एफसीआई ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 10 अक्टूबर तक 3.22 लाख किसानों से 37.92 लाख टन धान की खरीद की है, जिसकी कुल एमएसपी 7,159.39 करोड़ रुपये से अधिक है
1.7 लाख किसानों से एमएसपी मूल्य पर कुल 20,37,634 टन धान की खरीद की गई है, पूरी खऱीद 3,847.05 करोड़ रुपये में की गई है। चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) के लिए 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए-ग्रेड किस्म के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय गया है।
सरकार ने चालू खरीफ सीजन में पंजाब से 113 लाख टन धान और हरियाणा से 44 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है।
इस साल अब तक धान का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ा
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने रिपोर्ट दी है कि देश के विभिन्न हिस्सों में 123 जलाशयों में पानी का भंडारण पिछले वर्ष की इसी अवधि के 155 प्रतिशत के बराबर था।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अबतक जो खेती हुई है उसमें तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6 गुना से भी ज्यादा आगे चल रहा है जबकि दलहन का रकबा 3 गुना आगे है।
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