केंद्र ने वित्त वर्ष 2024-25 में धान की सामान्य किस्म के लिए 2,300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए किस्म के लिए 2,320 रुपये का एमएसपी तय किया है।
देश ने वित्त वर्ष 2023-24 में 47.38 लाख टन दालों का आयात किया था। अर्थशास्त्री का कहना है कि अगर नीतियों में बदलाव किया जाए तो दालों में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने 12 लाख किसानों को धान का बकाया बोनस दिया है। राज्य के सीएम विष्णु देव साय ने कहा है कि सरकार किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के हिसाब से धान खरीदेगी। साथ ही आयुष्मान कार्ड से 10 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलेगी।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में मानसून में 24 प्रतिशत की कमी रही। हालांकि दो अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान पूरे देश में मानसूनी बारिश में चार प्रतिशत की कमी रही।
आमतौर पर धान खरीद का काम, अक्टूबर से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के तुरंत बाद शुरू होता है। हालांकि, दक्षिणी राज्यों खासकर केरल और तमिलनाडु में, यह खरीद कार्य सितंबर से शुरू होता है।
जब Bihar राज्य सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, विभाग द्वारा संकलित आंकड़े और बारिश की रिपोर्ट एक विरोधाभासी तस्वीर पेश करती है।
धान की बुवाई अब तक 12.39 प्रतिशत घटकर 309.79 लाख हेक्टेयर रही है। इसका कारण विशेषकर झारखंड और पश्चिम बंगाल में बुवाई रकबे का कम रहना है।
देश के कुछ हिस्सों में Monsoon की बारिश में देरी के कारण चालू खरीफ सत्र में अब तक धान की बुवाई (Paddy Sowing) का रकबा 24 फीसदी घटकर 72.24 लाख हेक्टेयर रह गया है।
थोक बाजारों में भी टमाटर महंगा है। कोलकाता में टमाटर 84 रुपये प्रति किलो, चेन्नई में 52 रुपये किलो, मुंबई में 30 रुपये किलो और दिल्ली में 29.50 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है।
पिछले साल के लिये धान खऱीद से 1.31 करोड़ किसानों को फायदा मिला और एमएसपी मूल्य पर कुल 1.68 लाख करोड़ रुपये की धान की खरीद की गयी।
इससे पहले केंद्र ने भारी बारिश की वजह से धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक टाल दिया था। दोनों राज्यों के किसानों ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
मंत्रालय ने कहा कि धान के नमूने - पंजाब और हरियाणा में सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जांचे गए।
केंद्र ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी क्योंकि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण फसल पकने में देरी हुई है।
सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम और अन्य खरीद एजेंसियों को दिये गये नियम-निर्देशों के मुताबिक किसानों से अनाज खरीदने के लिए कहा गया है।
किसानों के लिए जमीन का मालिक होना या न होना जरूरी नहीं है। अगर किसानों ने किसी भी जमीन पर खेती की है, तो उसे खरीद लिया जाएगा।
पांडे ने जोर देते हुये कहा कि यह नया तंत्र किसानों के हित में है और किसानों द्वारा अपनी जमीन में या किराए की जमीन में की जाने वाली खेती की फसल सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।
धान खरीफ की एक प्रमुख फसल है, लेकिन इसे रबी के मौसम में भी उगाया जाता है। बयान में कहा गया है, ‘‘इस (खरीद) से मौजूदा खरीफ विपणन सत्र के दौरान 130.47 लाख किसानों का फायदा हुआ।
मौजूदा रबी विपणन सत्र के दौरान 49.20 लाख किसानों को खरीदा का लाभ मिला है। इस दौरान किसानों को 85,603.57 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने चालू विपणन वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अब तक कुल 85,581 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड 433.32 लाख टन गेहूं की खरीद की है।
ओडिशा सरकार ने धान के लिये घोषित 1,940 रुपये क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर असंतोष जताया
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