मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘बाजार कुछ प्रमुख घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों से दिशा लेगा। इस सप्ताह विभिन्न देशों के एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़े आने हैं। इसके अलावा ओपेक की बैठक भी है।
बाजार की नजर आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर होगी, जिसके नतीजों की घोषणा 10 अगस्त, 2023 को होगी।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘बाजार कंपनियों के के नतीजों, वैश्विक बाजारों के रुख, कच्चे तेल के दाम तथा विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से दिशा लेगा।
शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह काफी हद तक वैश्विक शेयर बाजारों के रुख, विदेशी कोषों की कारोबारी गतिविधियों और मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी। इसके अलावा निवेशकों की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड, संतोष मीणा ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा जीत का बाजार पर निगेटिव असर होगा।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी ब्याज दरों में वृद्धि और मंदी के बीच उलझी हुई है। सभी की निगाह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे पर है जिसकी घोषणा तीन मई को होगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा, दिसंबर महीने के अनुबंधों की निर्धारित डेरिवेटिव समाप्ति निवेशकों को व्यस्त रखेगी।
इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने शेयरों से आठ करोड़ रुपये की निकासी की थी। सितंबर में एफपीआई 7,624 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे।
घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से तय होगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि अधिसूचित मासिक डेरिवेटिव की एक्सपायरी अस्थिरता को ऊंचे स्तर पर बनाए रखेगी।
Share Market में अगले हफ्ते भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनियों के साथ ही बने रहें। छोटी कंपनियों में निवेश से बचें।
वैश्विक संकेत, अगस्त महीने के एफएंडओ सौदे और एफआईआई का रुख बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होंगे।
मीणा ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव तथा आपूर्ति-पक्ष की चिंता में कच्चे तेल के दाम फिर ऊंचाई पर पहुंच गए है। यदि इनमें और तेजी आती है, तो यह भारतीय बाजार की चिंता बढ़ाएगा।
बाजार की दिशा रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन में कोविड की स्थिति तथा कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी।
आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक का आउटलुक भी निगेटिव हुआ
लॉकडाउन और सरकार के राहत कदमों से बिजली कंपनियों पर दबाव संभव
एजेंसी के मुताबिक पहले से जारी नरमी के बीच कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा
भारत और चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती से गहरा हुआ मंदी का असर
बढ़ते वैश्विक जोखिम से अल्पावधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 68 से 72 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में पहुंच सकता है लेकिन इसके बाद रिजर्व बैंक (RBI) स्थिति नियंत्रण में लाने के लिये बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। यूबीएस की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
एसएंडपी को उम्मीद है कि TCS की 16,000 करोड़ रुपए की शेयर पुनर्खरीद पेशकश को पूर्ण अभिदान मिलता है तो भी उसके पास अच्छी-खासी नकदी उपलब्धता बनी रहेगी।
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