वित्त वर्ष 2022-23 में तीन प्रमुख सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ था। हालांकि, सरकार की देखरेख में इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपने नुकसान को काफी कम किया है।
सरकार ओरिएंटल इंश्योरेंस या यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण पर विचार कर सकती है, क्योंकि पूंजी झोंके जाने के बाद इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। मामले से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी।
सरकार ने 2020-21 के बजट में इन कंपनियों में 6,950 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रावधान किया था।
सार्वजनिक क्षेत्र की यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम. एन. शर्मा ने कहा कि हम यूनाइटेड इंडिया में दो अन्य कंपनियों का विलय चाहते हैं। क्षेत्र की तीन कंपनियों में यूनाइटेड इंडिया सबसे बड़ी है। हम चाहते हैं कि उनका विलय हमारी कंपनी में हो।
सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी साधारण बीमा कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस की अक्टूबर तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की योजना है।
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