तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की प्रचुरता में अगले साल कमी आ सकती है क्योंकि कई देश अपना उत्पादन घटा रहे हैं।
दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों की कतर में रविवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। तेल उत्पादन को स्थिर करने के यह बैठक बुलाई थी। ईरान बैठक से नदारद रहा।
तेल की गिरती कीमतों के बीच ग्लोबल ऑयल मार्केट में बड़े बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं। सऊदी अरब और अमेरिका के बाद दुनिया की निगाहें अब भारत पर टिकी है।
दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देशों के बीच तेल उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति बन गई है। पेट्रोल और डीजल के सस्ते होने के संभावना भी खत्म होती दिख रही है।
क्रूड ऑयल की कीमतों में जारी गिरावट से तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक ने आपात बैठक बुलाने की योजना बनाई है।
ओपेक को उम्मीद है कि क्रूड की कीमतों में धीरे-धीरे सुधार होगा और चार साल बाद यह 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर के स्तर को छू जाएगा। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
बीते 10 दिन में क्रूड ऑयल 13% सस्ता हो चुका है। इन सबके बीच उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1-1.50 रुपए की कटौती हो सकती है।
दुनिया के बड़े बैंक और फाइनेंशियल एडवाइजर क्रूड के दाम 20 डॉलर तक आने का अनुमान लगा रहे है। यानी क्रूड की कीमतें चालू स्तर आधी रह रह जाएगी।
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