रविवार के मुकाबले सोमवार को दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमतों में 31 पैसे, कोलकाता में 30 पैसे और चेन्नई में 32 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है
ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर ओपेक देशों का अपमान करने और ट्वीट के जरिये तेल बाजार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि आगामी दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और ज्यादा कमी आएगी। प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की इच्छुक है।
शुक्रवार को ओपेके देशों द्वारा जुलाई से प्रतिदिन 10 लाख बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने की घोषणा के बाद शनिवार को भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में और कटौती हुई है। 29 मई को अपना अब तक का उच्च स्तर छूने के बाद ईंधन के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेल रहे भारत के लोगों के लिए एक बड़ी खबर ओपेके से आई है। वियना में शुक्रवार को आयोजित 14 ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमति बन गई है।
रान के पेट्रोलियम मंत्री तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की बैठक छोड़कर बाहर चले गए। दरअसल, सऊदी अरब ओपेक देशों से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है।
कच्चे तेल में नरमी के चलते पेट्रोल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई है। शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 18 पैसे घट गए। वहीं आज डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
तेल उत्पादक देशों के गुट ओपेक द्वारा कच्चे तेल की कीमतों के साथ खिलवाड़ के बीच भारत ने तेल आयातकों का क्लब बनाने की संभावना के बारे में चीन के साथ चर्चा की है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाने के बाद प्रधान ने तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के प्रमुख सदस्य देश सऊदी अरब को कीमत स्थिर और नरम रखने का आग्रह किया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार महंगे होते पेट्रोलियम पदार्थों पर लगातार नजर रखे हुए है और इस बढ़ती कीमतों के बारे में सरकार चिंतित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऊर्जा की कीमतों का निर्धारण तर्कसंगत और जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से करने का आह्वान किया ताकि सभी को सस्ती ऊर्जा सुलभ हो सके।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 30-31 महीने की ऊंचाई पर हैं जिस वजह से देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ रही है और उन्हें पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिस वजह से तेल कंपनियां घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं
क्रूड एक्सपोर्ट करने वाले देशों के संगठन OPEC ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सहित दुनिया की इकोनॉमी को स्लोडाउन के माहौल से उबारने में मदद की है।
चीन के मेगा प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड़ यानि OBOR का भारत लगातार विरोध कर रहा है। इसलिए भारत सरकार ने OBOR के खिलाफ नई स्टैटजी तैयार की है।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल फालिह ने कहा कि तेल उत्पादक देशों (OPEC) को हो सकता है कि उत्पादन में कटौती को तय समय से आगे बढ़ाना पड़े!
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश भारत का मानना है कि कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद नीचे आएंगे।
ओपेक द्वारा क्रूड ऑयल उत्पादन में कटौती की घोषणा तथा रुपए की विनिमय दर में तीव्र गिरावट के मद्देनजर भारत के लिए आयातित क्रूड ऑयल के दाम में वृद्धि होगी।
IEA ने कहा कि यदि ओपेक देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन कम नहीं किया तो अगले साल के मध्य तक विश्व बाजार में कच्चे तेल की अत्यधिक उपलब्धता की स्थिति बनी रहेगी।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्रति दिन 750,000 बैरल तेल प्रोडक्शन कम करने पर राजी हो गया है।
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