ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया है।
ओपेक मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और अफ्रीका का भारत के कच्चे तेल के आयात में अप्रैल, 2022 में 72 प्रतिशत हिस्सा था। ऊर्जा खेप की निगरानी करने वाली ‘वॉर्टेक्सा’ के अनुसार, अप्रैल, 2023 में ओपेक का हिस्सा भारत के आयात में घटकर 46 प्रतिशत पर आ गया है।
दुनिया में बढ़ती अनिश्चितताओं के बीच ओपक देशों ने एक बड़ा फैसला लिया है और तेल की कीमतों में बदलाव करने को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है, इसका इसर भारत पर भी देखने को मिलेगा। उनका उद्देश्य रूस को टार्गेट करना है।
OPEC: इस निर्णय के तहत तेल उत्पादक देश अक्टूबर महीने के लिये 1,00,000 बैरल प्रतिदिन की कटौती करेंगे।
OPEC और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने कहा कि वे अगले महीने 1,00,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाएंगे जबकि जुलाई और अगस्त में यह 6,48,000 बैरल प्रतिदिन था।
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और संबद्ध तेल उत्पादक देशों (ओपेक प्लस) द्वारा महामारी के दौरान उत्पादन में की गई कमी को क्रमिक रूप से बहाल करने के फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को उछाल आया।
यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा। सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ़ कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी।
भारत अपनी कुल जरूरत का 85 प्रतिशत तेल का आयात करता है। वह काफी लंबे समय से ओपेक और उसके सहयोगियों से उत्पादन कटौती को खत्म करने की मांग कर रहा है
मांग बढ़ने तथा आपूर्ति कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर तक चली गयी है जो अप्रैल 2019 के बाद सर्वाधिक है।
भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है। यही वजह है कि मई में भारत के कुल तेल आयात में ओपेक देशों से होने वाले तेल आयात का हिस्सा कम होकर 60 प्रतिशत रह गया जो कि इससे पिछले महीने 74 प्रतिशत रहा था।
पेट्रोल डीजल के दाम जल्द कम हो सकते है। तेल को लेकर बड़ी खबर आई है। ओपेक (Organization of the Petroleum Exporting Countries (OPEC) पेट्रोलियम उत्पादक 13 देशों के संगठन ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने मई से जुलाई तक धीरे-धीरे तेल उत्पादन प्रति दिन 2 मिलियन बैरल प्रति बैरल करने का फैसला लिया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में वृद्धि होने की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के उपभोक्ता मूल्य में बढ़ोतरी हो रही है।
भारत ने बुधवार को सऊदी अरब और अन्य वैश्विक तेल उत्पादकों से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का स्तर कम करने की अपील की है।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक ओपेक ने दो दिन पहले ही निर्णय किया है कि वह कच्चे तेल का पांच लाख बैरल उत्पादन हर रोज बढ़ाएगा। जिससे देश को फायदा मिलेगा और अनुमान है कि ईंधनों के दाम में स्थिरता आएगी
नवंबर के महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में अब तक नौ बार बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 1.28 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है जबकि डीजल 1.96 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।
तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन को सीमा में रखने के लिए नए कदमों का असर
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
मांग घटने से जुलाई तक देशों के पास तेल रिजर्व 150 करोड़ बैरल तक पहुंचने की संभावना
अतिरिक्त कटौती के बाद सऊदी अरब का उत्पादन 18 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा
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