उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की थोक कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में अत्यधिक गिरावट के समय किसानों की सहायता के लिए 500 करोड़ रुपए के कोष की नई योजना ऑपरेशन ग्रीन के प्रस्ताव पर बुधवार को विचार कर सकता है।
कृषि मंत्रालय के मुताबिक बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 30.68 करोड़ टन अनुमानित है जो पिछले साल के मुकाबले 2.05 प्रतिशत अधिक है
देशभर में ट्रक हड़ताल ही वजह से हो रही परेशानी के बावजूद राहत की बात ये है कि इससे महंगाई नहीं बढ़ी है। बीते 2 दिन के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों के दाम या तो स्थिर हैं या फिर कुछेग जगहों पर बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है। कई जगहों पर तो रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछेक जरूरी चीजो के दाम बढ़ने के बजाय घटे हैं। हड़ताल 20 जुलाई को शुरू हुई थी और आधिकारिक तौर पर अभी खत्म नहीं हुई है।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान देश से प्याज निर्यात में 25 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, इस दौरान देश से सिर्फ 20.34 लाख टन प्याज का निर्यात हो पाया
सरकार ने प्याज किसानों को अच्छा भाव दिलाने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को तो हटाया है लेकिन इसके बावजूद प्याज का भाव लगातार कम हो रहा है।
नवंबर के दौरान देश से सिर्फ 92944 टन प्याज का निर्यात हो पाया है, नवंबर 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि मासिक निर्यात 1 लाख टन से नीचे फिसला हो।
Onion Price : इस साल प्याज उत्पादन भी 10 लाख टन कम अनुमानित है, पिछले साल 224 लाख टन प्याज पैदा हुआ था और इस साल 214 लाख टन पैदा होने का अनुमान है
केंद्र सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को खत्म करने की घोषणा की है।
20 फरवरी 2018 तक प्याज के निर्यात के लिए 700 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लागू होगी, अबतक यह शर्त 850 डॉलर प्रति टन की थी
देश के कुछ भागों में प्याज की खुदरा कीमतें 50 से 60 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं। इस बीच सरकार का कहना है कि ऐसा मांग-आपूर्ति में तात्कालिक अंतर के कारण है
नए साल के पहले दिन आज देश की राजधानी दिल्ली में प्याज का रिटेल भाव 53 रुपए, हरियाणा के हिसार में 50 रुपए और गुरुग्राम में 53 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
स्टॉक लिमिट के तहत प्याज कारोबारी सरकार की तय की हुई लिमिट से ज्यादा स्टॉक नहीं रख सकते जिस वजह से मंडियों में प्याज की सप्लाई ज्यादा होती है
2017-18 की पहली छमाही यानि अप्रैल से सितंबर 2017 के दौरान देश से 15.03 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है जबकि 2016-17 में इस दौरान 13.56 लाख टन का निर्यात हुआ था
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है।
नवंबर में लासलगांव में प्याज का थोक दाम 25 महीने के ऊपरी स्तर 3511 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था लेकिन अब दाम घटकर 2500 रुपए पर आ गया है
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार को प्याज का रिटेल भाव 63 रुपए, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 45 रुपए और गुजरात के अहमदाबाद में 32 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
अधिसूचना के मुताबिक प्याज का MEP 850 डॉलर प्रति टन होगा, डॉलर के मौजूदा भाव 64.75 रुपए में इसको बदला जाए तो प्रति किलो 55.03 रुपए का भाव बैठता है।
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