केंद्र सरकार के तमाम उपायों के बावजूद प्याज की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं प्याज के बढ़ते दामों को लेकर देशभर में राजनीति भी गरमा गई है।
चेन्नई में गुरुवार को प्याज का अधिकतम थोक भाव 10,000 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जबकि औसत थोक भाव 9500 रुपए था।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की वेबसाइट के मुताबिक प्याज की थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में लाल प्याज का भाव बुधवार को 5501 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज का अनुबंध किया है। यह अनुबंध मिस्र से किया गया है और इसकी खेप जल्द ही मुंबई बंदरगाह पर पहुंच जाएगी।
शीर्ष सहकारी संस्थान बिस्कोमान शुक्रवार (22 नवंबर) से बिहार के नागरिकों को 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज उपलब्ध कराएगा।
प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार द्वारा प्याज का आयात करने के फैसले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
बांग्लादेश में प्याज के दाम रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सरकार ने हवाई जहाज से तुरंत प्याज आयात करने का फैसला किया है।
केंद्रीय बफर स्टॉक से कई राज्यों में प्याज की बिक्री किए जाने का भी कोई असर कीमतों पर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है।
आयकर विभाग ने देशभर में 100 से अधिक स्थानों पर छापे की यह कार्रवाई की है।
प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में कमी आ सकती है।
प्याज की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। प्याज की कीमतें जल्द ही घट जाएंगी।
प्याज की आवक बढ़ने और आयात से कीमतों पर नियंत्रण रखने के सरकार के फैसले के बाद बुधवार को प्याज के थोक दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन खुदरा में लोग 100 रुपए प्रति किलो प्याज खरीद रहे थे।
प्याज की आवक कम होने से इसकी कीमत 80 रुपए हो जाने पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार अन्य देशों से प्याज के आयात को बढ़ावा देगी, ताकि इसकी कीमतों में कमी आए।
आम जनता में एक बार फिर महंगाई की मार पड़ रही है। प्याज की कीमतों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है।
राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर का दाम अब भी 60 से 70 रुपए किलोग्राम की ऊंचाई पर बने हुए हैं।
खरीफ प्याज की आवक शुरू हो गई है और कीमतों में स्थिरता के साथ गिरावट का रुख है।
प्याज, टमाटर के बाद अब लहसुन के बढ़ते दामों ने भी भोजन का जायका बिगाड़ दिया है। प्याज और टमाटर की महंगाई पर अब लहसुन का तड़का लगा है।
नवरात्र के बाद फिर से प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर का खुदरा मूल्य उछलकर 80 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में टमाटर की औसत खुदरा कीमत बुधवार को बढ़कर 54 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि एक अक्टूबर को इसका भाव 45 रुपए प्रति किलो पर था।
बीते 10 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है जबकि एक पखवाड़े में टमाटर का भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। दिल्ली में लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 80 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ रहे है, जबकि एक पखवाड़े पहले दिल्ली में टमाटर 30-40 रुपए किलो मिल रहा था।
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