दो हफ्ते पहले प्याज की कीमत 54 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन अब काठमांडू घाटी में प्याज की खुदरा कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई है।
सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत की ड्यूटी लगा दी। लेकिन इससे प्याज का संकट और बढ़ गया है। प्याज मंडियों के कारोबारियों ने हड़ताल कर दी है।
दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 37 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले साल इसी दिन 28 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
Tomato and Onion Price: देश में अभी भी टमाटर का रेट अपने ऑल टाइम हाई पर चल रहा है। अब प्याज की कीमतों में बदलाव को लेकर बड़ी खबर आ गई है।
जमीनी स्तर पर बातचीत से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि होने की आशंका है और यह 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो आ गई थी। अपनी लागत की भी वसूली नहीं हो पाने से नाराज किसानों ने मंडी में प्याज की नीलामी ही रोक दी थी।
महाराष्ट्र प्याज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, जिसका देश के प्याज उत्पादन में 40 प्रतिशत का योगदान है।
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की प्रति किलो कीमत घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो रह गई है।
प्याज उत्पादकों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सरकार को तुरंत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल प्याज का अनुदान घोषित करना चाहिए और उनकी उपज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदना चाहिए।
कर्नाटक की यशवंतपुर कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में कुछ दिन पहले प्याज की कीमतें घटकर 2 से 10 रुपये प्रति किलो के बीच आ गई थीं।
अगले कुछ हफ्तों में आप बाजार में सब्जी लेने जाएं और प्याज की कीमतें आसमान पर दिखाई दें तो आप कतई चौंकिएगा नहीं। इस बार प्याज का उत्पादन 13 प्रतिशत कम हुआ है। ऐसे में कीमतों पर बुखार चढ़ना तय माना जा रहा है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सप्लाई बढ़ाने की वजह से प्याज की खुदरा कीमतों को अब तक 5-12 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम करने में मदद मिली है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 48 रुपये किलो, मुंबई में 43 रुपये किलो, चेन्नई में 37 रुपये किलो और कोलकाता में 57 रुपये किलो थी।
देश में तीन मुख्य सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने रविवार की कहा कि बफर स्टॉक जारी होने से प्याज की कीमतों को स्थिर किया जा रहा है, जबकि टमाटर और आलू की कीमतों में नरमी के प्रयास जारी हैं।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने नेफेड द्वारा बफर स्टॉक से 21 रुपए प्रति किलोग्राम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्याज की पेशकश की है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष भी प्याज की कीमतों में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की संभावना है।
सरकार ने प्याज की नियमित रूप से बड़े पैमाने पर खेती नहीं करने वाले राज्यों से ही प्याज का उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बागवानी फसलों के उत्पादन के चालू फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में इस साल प्याज का उत्पादन 262.29 लाख टन हो सकता है।
प्याज का दाम फिर आसमान चढ़ गया है। देश की राजधानी दिल्ली और आसमपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव बीते तीन सप्ताह से 50 रुपये के करीब चल रहा है, जो अब 60 रुपये से उपर चला गया है।
लासलगांव में प्याज का औसत भाव 4250 से 4551 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा। जबकि दो दिन पहले कीमतें 4 हजार के स्तर से नीचे पर थीं। कारोबारियों की माने तो महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल पर बुरा असर पड़ा है जिससे सप्लाई कम हुई है।
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