बाजार में हस्तक्षेप का उद्देश्य स्थानीय आपूर्ति में सुधार करना और रसोई में इस्तेमाल होने वाले इस प्रमुख खाद्य पदार्थ की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाना है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस साल अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बेहतर बुवाई सुनिश्चित होगी। सरकार ने चुनाव के दौरान प्याज की कीमतें कम रखने के लिए 4 मई को प्रतिबंध हटा दिया था।
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
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