नए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सवारी (राइड) पर लागू किराये का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा एग्रीगेटर के साथ जुड़े वाहन के चालक को मिलेगा।
नये दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सवारी (राइड) पर लागू किराये का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा एग्रीगेटर के साथ जुड़े वाहन के चालक को मिलेगा। शेष हिस्सा एग्रीगेटर कंपनियां रख सकती हैं।
ओला इस समय भारत के सबसे बड़े ई-सकूटर विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए विभिन्न राज्य सरकारों से बातचीत कर रही है।
अगस्त में ओला इलेक्ट्रकि ने 1,000 इंजीनियरों की नियुक्ति तथा जल्द इलेक्ट्रिक दोपहिया पेश करने की घोषणा की थी।
लॉकडाउन के साथ ही ओला और उबर दोनो ने ही छंटनी का ऐलान किया था। मई में ऊबर ने भारत में 600 लोगों की छंटनी की थी. वहीं ओला ने भी 1400 लोगों को नौकरी से निकाला था।
ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन ने अपने बयान में कहा कि उसे हाल ही में पता चला है कि ओला द्वारा कई नियमों की अनदेखी की गई है, जो पब्लिक सेफ्टी के लिए जोखिम हो सकते थे।
कैब सेवा प्रदाता ओला और उबर के चालकों ने किराया बढ़ाने, ऋण की किस्त देने की छूट अवधि बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में एक सितंबर से दिल्ली-एनसीआर में हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
120 शहरों में ओला के ऑटो रिक्शा में लागू होंगे सुरक्षा के नए उपाय
कंपनी के मुताबिक इसके बाद कोरोना संकट की वजह से कोई और कटौती नहीं होगी
ओला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने कर्मचारियों के लिए एक नोट जारी कर कहा कि कोविड-19 के दुष्प्रभाव पर पिछले दो माह में कंपनी के रेवन्यू में काफी गिरावट आई है।
देश भर में लॉकडाउन की अवधि भले ही 3 मई तक बढ़ा दी गई हो, लेकिन मुंबई की सड़कों को ओला की टैक्सियां एक बार फिर से दिखाई देने वाली है।
ड्राइवरों एवं उनके जीवनसाथी (स्पाउस) के लिए कोविड-19 के फैलने के कारण आय में हो रहे नुकसान के खिलाफ बीमा पर हमारे लाभों और इस समय हमारे अन्य चिकित्सा सहयोग को देशभर में हमारे सभी ड्राइवर पार्टनर्स को मुहैया कराना जारी रहेगा।”
ओला के प्रवक्ता ने कहा कि शहर में आवश्यक सेवाओं को मदद पहुंचाने के लिए कंपनी न्यूनतम वाहनों का परिचालन करेगी और कोरोना वायरस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सभी सरकारी आदेशों का पालन करेगी।
ऑनलाइन टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला और उबर रविवार को जनता कर्फ्यू की अवधि में अनिवार्य यात्राओं के लिए सीमित सेवा ही चालू रखेंगी।
बाइक-टैक्सियों से 40-50 लाख अमेरिकी डॉलर की कमाई की संभावना है और 20 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
कंपनी का कहना है कि प्रबंधन कंपनी की समूचे कामकाज को दुरुस्त कर रहा है और खाद्य विनिर्माण और प्रसंस्करण के क्षेत्र में अग्रणी स्थिति में आने पर ध्यान दे रहा है।
कैब आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला करीब 15 से 20 करोड़ डॉलर यानी 1,050 से 1,400 करोड़ रुपए जुटाने को प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट से बातचीत कर रही है।
देश में 2030 तक 60 करोड़ लोग शहरी क्षेत्र में होंगे।
इस नए वित्तपोषण के साथ ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का नाम भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिसमें फ्लिपकार्ट, जोमैटो, पेटीएम और ओला पहले से ही शामिल हैं।
अरुण सरीन ओला इलेक्ट्रिक की समग्र व्यावसायिक रणनीति में संरक्षक और सलाहकार की भूमिका निभाएंगे।
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