सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सरकार ने जरूरी वस्तु अधिनियम (Essential Commodity Act) में बदलाव किया है और दलहन, तेल तथा तिलहन, आलू और प्याज जैसी वस्तुओं को इस एक्ट से बाहर किया गया है
खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1,015 लाख हेक्टेयर
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 3 जुलाई तक देशभर में कुल 432.97 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 230.03 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अबतक जो खेती हुई है उसमें तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6 गुना से भी ज्यादा आगे चल रहा है जबकि दलहन का रकबा 3 गुना आगे है।
चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप गहराने से दुनियाभर के बाजारों में मंदी का माहौल है, जिससे कृषि उत्पाद बाजार भी प्रभावित हुआ है।
गेहूं और अन्य रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है, जबकि अप्रैल से कटाई का काम होता है। गेहूं मुख्य रबी फसल है।
जून के दौरान कम बरसात की मार से पिछड़ी खरीफ फसलों की खेती को लेकर अच्छी खबर है, जुलाई के दौरान हुई अच्छी बरसात से खरीफ फसलों की खेती ने रफ्तार पकड़ी है और अब खरीफ फसलों का रकबा औसत के मुकाबले आगे निकल गया है
केंद्र सरकार ने इस साल किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से कहीं किसान इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाएं। देशभर में अबतक औसत के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई है जिस वजह से खरीफ बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में खरीफ उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा
देश में खरीफ फसलों की खेती शुरुआत में पिछड़ने के बाद अब सामान्य होने लगी है। मानसून के आगे बढ़ने के साथ खरीफ फसलों की बुआई ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून तक देशभर में कुल 93.01 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हो चुकी है, पिछल साल इस दौरान 94.12 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी, सामान्य तौर पर इस दौरान औसतन 91.48 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है
केंद्र सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वनस्पति तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट खत्म कर दी है जिससे खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। स्टॉक लिमिट खत्म होने के बाद अब व्यापारी अपनी मर्जी के मुताबिक तेल और तिलहन का स्टॉक रख सकेंगे और ज्यादा स्टॉक रखने पर उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी
सामान्य तौर पर पूरे रबी सीजन के दौरान देश में 623.53 लाख हेक्टेयर की खेती होती है और इस बार पहली दिसंबर तक 389.83 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी है
कृषि मंत्रालय के अनुसार सरकार के द्वारा रबी दलहन और तिलहन फसलों का जो एमएसपी घोषित किया गया है उसमें 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की बोनस राशि भी शामिल है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
पासवान ने कहा कि खुदरा बाजार में चीनी की कीमत 40 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है, हम नहीं चाहते कि कीमतें आगे और बढ़ें। इसलिए वायदा वायदा पर रोक लगाना चाहिए।
कैबिनेट ने 2016-17 के खरीफ मौसम के लिए दालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 425 रुपए बढ़ाकर 5,000-5,225 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को मंजूरी दे दी है।
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