देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आने की संभावना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में पिछले नौ दिनों के दौरान 7 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार ने आज मजबूती के साथ शुरुआत की है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी मजबूती के साथ ट्रेड हो रहे हैं। फिलहाल सेंसेक्स 65.20 प्वाइंट की बड़त के साथ 36388.97 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 31.80 प्वाइंट बढ़कर 10968.65 पर ट्रेड हो रहा है।
पिछले 20 दिन के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी या स्थिरता के बाद आज सोमवार को पहली कटौती हुई है। पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट और रुपए की रिकवरी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की तेल आयात करने की लागत कम हुई है और उन्होंने पेट्रोल और डीजल के दाम घटाना शुरू कर दिए हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी महंगाई की आग कुछ शांत होने की उम्मीद बढ़ी है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भाव घटने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत से ज्यादा और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है
ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर ओपेक देशों का अपमान करने और ट्वीट के जरिये तेल बाजार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
केंद्र सरकार ने इस साल किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से कहीं किसान इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाएं। देशभर में अबतक औसत के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई है जिस वजह से खरीफ बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में खरीफ उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा
भारत ने ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाने का संकेत दिया है। बदले में वह सऊदी अरब और कुवैत से कच्चे तेल की खरीद बढ़ाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी और घरेलू स्तर पर रुपए में भारी गिरावट की वजह से बुधवार को भारतीय शेयर बाजार पर एक बार फिर से दबाव देखने को मिला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भारी गिरावट के साथ बंद हुए हैं, सेंसेक्स 272.93 प्वाइंट घटकर 35217.11 और निफ्टी 97.75 प्वाइंट की गिरावट के साथ 10671.40 पर बंद हुआ है
महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेल रहे भारत के लोगों के लिए एक बड़ी खबर ओपेके से आई है। वियना में शुक्रवार को आयोजित 14 ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमति बन गई है।
रान के पेट्रोलियम मंत्री तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की बैठक छोड़कर बाहर चले गए। दरअसल, सऊदी अरब ओपेक देशों से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उठाव के बावजूद गुरुवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर से कटौती की है। गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 11 पैसे से लेकर 16 पैसे प्रति लीटर तक की कटौती की गई है जबकि डीजल की कीमतों में 10 पैसे से लेकर 14 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई है। गुरुवार को हुई कटौती के बाद मुंबई में अब पेट्रोल का दाम 84 रुपए के नीचे और डीजल का दाम 72 रुपए के नीचे आ गया है
अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर में भले ही सामान्य बरसात हुई हो लेकिन मानसून के रुकने की वजह से कुछेक राज्यों में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है जिस वजह से उन राज्यों में खरीफ की बुआई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 दिन से किसी तरह की कटौती नहीं हुई है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इनके दाम और घट सकते हैं क्योंकि विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कटौती हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चे तेल का भाव घटकर ढाई महीने के निचले स्तर तक आ गया है जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम करीब डेढ़ महीने के निचले स्तर पर है।
देश में खरीफ फसलों की खेती शुरुआत में पिछड़ने के बाद अब सामान्य होने लगी है। मानसून के आगे बढ़ने के साथ खरीफ फसलों की बुआई ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून तक देशभर में कुल 93.01 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हो चुकी है, पिछल साल इस दौरान 94.12 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी, सामान्य तौर पर इस दौरान औसतन 91.48 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है
शुक्रवार को हुई कटौती के बाद दिल्ली में अब पेट्रोल का दाम 20 मई के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है और 29 मई को छुए रिकॉर्ड स्तर से 2.08 रुपए सस्ता हो गया है। हालांकि तेल कंपनियों की तरफ से शुक्रवार को डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है
केंद्र सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वनस्पति तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट खत्म कर दी है जिससे खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। स्टॉक लिमिट खत्म होने के बाद अब व्यापारी अपनी मर्जी के मुताबिक तेल और तिलहन का स्टॉक रख सकेंगे और ज्यादा स्टॉक रखने पर उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी
तेल उत्पादक देशों के गुट ओपेक द्वारा कच्चे तेल की कीमतों के साथ खिलवाड़ के बीच भारत ने तेल आयातकों का क्लब बनाने की संभावना के बारे में चीन के साथ चर्चा की है।
लगातार 14 दिन तक दाम घटाने के बाद आज बुधवार को तेल कंपनियों की तरफ से पेट्रोल और डीजल के भाव में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। देशभर में पेट्रोल और डीजल का भाव मंगलवार वाले स्तर पर ही है
दिल्ली सरकार ने शनिवार को विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए राज्य विधानसभा को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने जनवरी 2016 से पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर(वैट) नहीं बढ़ाए हैं।
पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूने के बीच उद्योग मंडल एसोचैम का कहना है कि आम आदमी से जुड़ी इस समस्या से निपटने के लिए तेल पर लागू करों में कटौती करना ही सबसे अच्छा उपाय है।
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