तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक और रूस के बीच उत्पादन कटौती के करार से सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया।
सऊदी अरब ने गुरुवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य सहयोगी तेल उत्पादक देशों की अचानक से बैठक बुलायी है।
तनावग्रस्त लीबिया से कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने से सोमवार को तेल के दाम में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव तकरीबन 10 दिनों की ऊंचाई पर चला गया है।
दुनियाभर के कुल कच्चे तेल का 40 प्रतिशत उत्पादन ओपेक देश (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ दि पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) करते हैं।
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
खाड़ी देश कतर ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठनों में से एक ओपेक से अलग होने की घोषणा कर दी है।
तेल उत्पादक देशों के गुट ओपेक द्वारा कच्चे तेल की कीमतों के साथ खिलवाड़ के बीच भारत ने तेल आयातकों का क्लब बनाने की संभावना के बारे में चीन के साथ चर्चा की है।
लोगों को पेट्रोलियम उत्पाद किफायती दाम पर उपलब्ध हों, इसके लिए भारत ने उत्पादक देशों से कच्चे तेल की कीमतों को वहनीय स्तर पर रखने के लिए कहा है।
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