Oil Price: विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों तेल और सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज की गई है और कच्चा पामतेल कीमतों में भी सुधार देखने को मिला है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के गिरते दामों को लेकर सोमवार को भारतीय घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण कच्चा तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव से कच्चे तेल में आग लगी हुई है। कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को एक बार फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है।
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
तेल की कीमतों में वृद्धि फिलहाल रुकने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को भी पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि कर दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के अंत में आर्थिक समीक्षा के लिए बैठक बुला सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में रुपए के अवमूल्यन को रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
क्रूड ऑयल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालेद अल फालेह ने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतें वहन करने की क्षमता है।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, GST के क्रियान्वयन से भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और 2017-18 में देश की GDP ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
अरब खाड़ी देशों के अरबों डॉलर के निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे दक्षिण एशिया के कामगारों को स्थानीय कंपनियों में अपनी नियुक्ति की फीस खुद चुकानी पड़ रही है।
निर्यात में दिसंबर में लगातार चौथे महीने सुधर हुआ और यह एक साल पहले इसी माह की तुलना में 5.72 प्रतिशत बढ़कर 23.9 अरब डॉलर रहा।
सरकार ने कहा कि कच्चे तेल के भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बने रहें तो उसके राजकोषीय समीकरणों और मुद्रास्फीति की गणना प्रभावित नहीं होगी।
अरूण जेटली ने कहा, भारत कच्चे तेल मूल्यों के मौजूदा स्तर से निपट सकता है लेकिन इसके और महंगा होने से इसका अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
मौसम विभाग द्वारा इस साल बारिश कम होने की संभावना से इनकार करने के बाद CII ने कहा, कच्चे तेल के भाव में थोड़ी बढ़ोतरी चिंता सामान्य मानसून से दूर हो जाएगी।
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादक देश इस साल 240 अरब डॉलर (करीब 16,23,992 करोड़ रुपए) की इंटरनेशनल संपत्ति बेच सकते हैं।
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