विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, GST के क्रियान्वयन से भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और 2017-18 में देश की GDP ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
अरब खाड़ी देशों के अरबों डॉलर के निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे दक्षिण एशिया के कामगारों को स्थानीय कंपनियों में अपनी नियुक्ति की फीस खुद चुकानी पड़ रही है।
निर्यात में दिसंबर में लगातार चौथे महीने सुधर हुआ और यह एक साल पहले इसी माह की तुलना में 5.72 प्रतिशत बढ़कर 23.9 अरब डॉलर रहा।
सरकार ने कहा कि कच्चे तेल के भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बने रहें तो उसके राजकोषीय समीकरणों और मुद्रास्फीति की गणना प्रभावित नहीं होगी।
अरूण जेटली ने कहा, भारत कच्चे तेल मूल्यों के मौजूदा स्तर से निपट सकता है लेकिन इसके और महंगा होने से इसका अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
मौसम विभाग द्वारा इस साल बारिश कम होने की संभावना से इनकार करने के बाद CII ने कहा, कच्चे तेल के भाव में थोड़ी बढ़ोतरी चिंता सामान्य मानसून से दूर हो जाएगी।
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादक देश इस साल 240 अरब डॉलर (करीब 16,23,992 करोड़ रुपए) की इंटरनेशनल संपत्ति बेच सकते हैं।
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