अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और घरेलू करेंसी रुपए में गिरावट की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़े हैं
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आने की संभावना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में पिछले नौ दिनों के दौरान 7 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार ने आज मजबूती के साथ शुरुआत की है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी मजबूती के साथ ट्रेड हो रहे हैं। फिलहाल सेंसेक्स 65.20 प्वाइंट की बड़त के साथ 36388.97 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 31.80 प्वाइंट बढ़कर 10968.65 पर ट्रेड हो रहा है।
पिछले 20 दिन के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी या स्थिरता के बाद आज सोमवार को पहली कटौती हुई है। पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट और रुपए की रिकवरी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की तेल आयात करने की लागत कम हुई है और उन्होंने पेट्रोल और डीजल के दाम घटाना शुरू कर दिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी और घरेलू स्तर पर रुपए में भारी गिरावट की वजह से बुधवार को भारतीय शेयर बाजार पर एक बार फिर से दबाव देखने को मिला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भारी गिरावट के साथ बंद हुए हैं, सेंसेक्स 272.93 प्वाइंट घटकर 35217.11 और निफ्टी 97.75 प्वाइंट की गिरावट के साथ 10671.40 पर बंद हुआ है
ट्रोल-डीजल की मार्केट के जानकारों के मुताबिक हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में जिस तरह से गिरावट आई है और रुपए में जो रिकवरी देखने को मिल रही है, उसे देखते हुए लग रहा है कि इस हफ्ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3-5 प्रतिशत तक यानि 2-3 रुपए प्रति लीटर की कटौती हो सकती है
पेट्रोल और डीजल की ज्यादा कीमतों को लेकर देशभर में हो रही सरकार की निंदा के बाद बुधवार को सरकार की तरफ से कहा गया कि इसको लेकर दीर्घकालीन समाधान तलाशा जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी आज गुरुवार को फिर से कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है। देश के ज्यादातर बड़े शहरों में पेट्रोल का भाव 80 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 70 रुपए प्रति लीटर के ऊपर है
पेट्रोल और डीजल के दाम आम आदमी की पहुंच से लगभग दूर हो चुके हैं, मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में तो डीजल का भाव 74 रुपए प्रति लीटर हो गया है जो देश की सभी राज्यों की राजधानियों में अबतक का सबसे अधिक भाव है
पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर लगातार दूसरे दिन ग्राहकों की जेब पर मार पड़ी है, करीब 3 हफ्ते बाद सोमवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पहली बार बढ़ोतरी के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की तरफ से आज मंगलवार को भी दाम बढ़ा दिए गए हैं। इस बढ़ोतरी के बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 56 महीने की नई ऊंचाई और डीजल का दाम नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है
मंगलवार को आने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले आज शेयर बाजार में बढ़त देखी जा रही है।फिलहाल सेंसेक्स 28.42 प्वाइंट की बढ़त के साथ 35564.21 और निफ्टी 8.15 प्वाइंट की बढ़त के साथ 10814.65 पर ट्रेड हो रहा है
कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक कीमत है। कच्चे तेल की कीमतों में आई इस तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राहत मिलन की उम्मीद कम है, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर विचार नहीं कर रही है।
भारतीय शेयर बाजार में एकतरफा तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, आज बुधवार को शेयर बाजार में लगातार 10वें दिन बढ़त देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में हरे निशान के साथ शुरुआत हुई है
पेट्रोल-डीजल: सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में भी डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है
महंगे क्रूड और कमजोर रुपए की वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ गई है और इस लागत को ग्राहकों से वसूलने के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी कर सकती हैं
शेयर बाजार आज पूरी तरह से करेंसी की गिरफ्त में है, रुपया 5 महीने के निचले स्तर पर है जिस वजह से सबसे ज्यादा तेजी आईटी कंपनियों में है और इसी वजह से सबसे ज्यादा गिरावट तेल कंपनियों के शेयरों में है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों पर आज दबाव दिखा
डीजल का भाव पहले ही देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और पेट्रोल की कीमतें करीब 4 साल के ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में अगर भाव और बढ़ा तो उपभोक्ताओं पर खराब असर पड़ेगा
हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से आज ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दबाव देखा जा रहा है, कच्चे तेल का भाव 40 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है
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