कंपनी अरुणाचल प्रदेश के खेतों से असम तक प्राकृतिक गैस लाने के लिए 80 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने की भी योजना बना रही है, ताकि परिवहन और उद्योगों में प्रदूषणकारी तरल ईंधन की जगह ली जा सके।
ऑयल इंडिया के इतिहास में यह दूसरा तिमाही घाटा है। इससे पहले 2018-19 में कंपनी को तिमाही घाटा हुआ था।
वैश्विक स्तर पर दाम में नरमी के साथ देश में प्राकृतिक गैस की कीमतों में अप्रैल से 25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
खनन क्षेत्र की दिग्गज अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड को देश में पहली खुली नीलामी में पेशकश किये गये 55 में से 41 तेल एवं गैस खोज ब्लॉक मिले हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के एकीकरण से तेल कंपनियों की वित्तीय शक्ति बढ़ेगी। इससे वे विदेशों में संपत्ति का अधिग्रहण कर सकेंगी।
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