एक्सचेंज ने बयान में कहा कि निवेशकों को आगाह किया जाता है कि वे इकाइयों/व्यक्तियों द्वारा शेयर बाजार में रिटर्न की गारंटी के साथ पेश की जाने वाली योजनाओं में निवेश नहीं करें।
सप्ताह के दौरान अंबुजा सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंडसइंड बैंक, Bank of Maharashtra, Alok Industries और विप्रो के तिमाही नतीजे भी आने हैं।
सेबी ने शेयर ब्रोकर वे टू वेल्थ ब्रोकर्स और जीकेएन सिक्योरिटीज तथा संपर्क इन्फोटेनमेंट एवं उनके कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, हमें उम्मीद है कि जून महीने के वायदा सौदों के पूरा होने के कारण इस सप्ताह भी अस्थिरता अधिक रहेगी।
दर्जनों सरकारी कंपनियों के IPO ने निवेशकों को पैसा डुबोया है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 12 वर्षों के दौरान बाजार निवेशकों को सरकारी कंपनियों (CPSE) के IPO से 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है ।
एफपीआई का हिस्सा घरेलू शेयरों में इस साल मार्च में 19.5 प्रतिशत तक गिरकर 619 अरब डॉलर रह गया, जो कोविड-पूर्व स्तर के करीब है।
इन शेयर ब्रोकरों को एक्सचेंज के नियामकीय प्रावधानों का पालन न करने के चलते दिवालिया घोषित किया गया है।
आज 59 वर्षीय रामकृष्ण एक अजीबोगरीब घोटाले के केंद्र में हैं, जब बाजार नियामक सेबी की जांच में यह पता चला कि एक्सचेंज के प्रमुख व्यावसायिक निर्णय लेने में उन्हें एक रहस्यमय हिमालयी योगी निर्देश दे रहे थे।
रामकृष्ण और सुब्रमण्यम के परिसरों पर आयकर विभाग की मुंबई जांच शाखा के अधिकारियों ने सुबह तड़के छापा मारा।
चित्रा के सिरोमणि योगी का जिक्र आते ही लोगों को चंद्रा स्वामी की याद आ गई। 90 के दशक में नरसिम्हा राव सरकार में उनका दखल किसी से छिपा नहीं था।
शेयर मार्केट विशेषज्ञ आगे भी बाजार में तेजी की बात कर रहे हैं। आने वाले समय में बाजार रिकॉर्ड हाई पर पहुंच सकता है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बीच बाजार भागीदारों की नजर इस सप्ताह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नीतिगत समीक्षा बैठक पर होगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, यह सप्ताह न केवल शेयर बाजार के लिए, बल्कि व्यापक रूप से अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय बाजर में गुरुवार को बड़ी गिरावट अमेरिकी फेड के ब्याज दर में बढ़ोतरी फैसले के कारण आया है। इसके साथ ही ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर के करीब पहुंचने का असर भी भारतीय बाजार पर देखने को मिल रहा है।
मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि बाजार में और बड़ी गिरावट आने की आशंका है। निफ्टी 16,300 से लेकर 16,500 तक जा सकता है। ऐसे में निवेशकों को न्यू एज कंपनियों यानी (स्टार्टअप) से दूरी बनाने की जरूरत है।
कारोबारियों के मुताबिक विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति को सख्त करने की खबर से भी घरेलू शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है।
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों को एक दिन में 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा।
छह महीने में आइडिया के शेयर 18 से 20 रुपये के स्तर को छू सकता है। वहीं, अगले एक से दो साल की अवधि में और जोरदार रिटर्न मिल सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी। इस बजट में कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उठाए गए कदमों पर बाजार की नजर रहेगी।
पिछले सत्र में सेंसेक्स 372.32 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,636.01 पर बंद हुआ था।
लेटेस्ट न्यूज़