एनपीपीए को ये दवाएं बनाने वाली कंपनियों से कीमतों में बढ़ोतरी की मांग वाले आवेदन मिल रहे थे। इन आवेदनों में कंपनियों ने दवा सामग्री की बढ़ती लागत, बढ़ते उत्पादन लागत और एक्सचेंज रेट में बदलाव जैसे अलग-अलग कारणों का हवाला दिया गया है।
इन सभी उपकरणों की संशोधित कीमत 20 जुलाई, 2021 से प्रभावी होंगी। वर्तमान में इन सभी पांचों उपकरणों पर मार्जिन की सीमा 3 प्रतिशत से लेकर 709 प्रतिशत तक है।
इससे चूककर्ता संबंधित कंपनियों के खिलाफ तलाशी और जब्ती तथा अभियोजन की कार्रवाई की जा सकती है।
कैंसर की 426 दवाओं में से 390 दवाओं, जो कुल दवाओं का 91 प्रतिशत है, की कीमतों को कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के जरिये घटाया है। ऐसा अनुमान है कि कीमतों में कटौती के बाद मरीजों को लगभग 800 करोड़ रुपए की बचत होगी।
न दवाओं की कीमतों को संशोधित किया गया है, उसमें बुडेसोनाइड इनहेलेशन तथा जेंटामाइसिन इंजेक्शन शामिल हैं।
भारतीय फार्मा नियामक ने 92 दवाओं और कॉम्बिनेशंस के दाम की समीक्षा की है और इसकी कीमतें तय की हैं। इनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर की दवाएं हैं जिसे स्थानीय कंपनियां सन फार्मा, डॉ रेड्डीज और ल्युपिन बनाती हैं।
एक साल पहले यानि 14 फरवरी 2017 को सरकार ने स्टेंट की कीमतों में करीब 85 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। अब एक साल बाद सरकार ने फिर से कीमतों में कटौती की है
दवा मूल्य नियामक एनपीपीए ने 30 दवा फॉर्मुलेशन का खुदरा मूल्य तय किया है। इसमें डायबिटीज, जीवाणु संक्रमण तथा उच्च रक्तचाप के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं।
दवा नियामक राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आज कहा कि उसने 65 आवश्यक फॉर्मूलेशनों (दवाओं) की खुदरा कीमतों को अधिसूचित किया है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने कहा कि गुरूग्राम स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल ने डेंगू के एक मरीज के इलाज में काम आई दवाओं व अन्य कंज्यूमेबल आइटम पर 1700 प्रतिशत तक अधिक मार्जिन वसूला।
ऐसी दवाएं जो प्राइस कंट्रोल के दायरे में नहीं आती हैं उनके लिए भी NPPA की तरफ से दवा कंपनियों के लिए कीमत घटाने को लेकर एडवायजरी जारी हुई है
NPPA ने मैन्युफैक्चरर्स से कहा है कि वे अगले तीन कार्यदिवसों के भीतर अपनी-अपनी वेबसाइट पर घुटना प्रत्यारोपण प्रणाली का मूल्य दर्शाएं।
NPPA ने और 30 दवाओं (फार्मूलेशन) का अधिकतम खुदरा दाम तय किया है। इन दवाओं का इस्तेमाल हेपेटाइटिस, हृदय रोग, संक्रमण, बुखार और दर्द के इलाज के लिए होता है।
औषधि मूल्य नियामक (NPPA) ने 19 चिकित्सा उपकरणों के दाम की निगरानी रखने के लिए एक नए फॉर्मेट को अंतिम रूप दिया है।
दवा मूल्य नियामक एनपीपीए (NPPA ) ने छह आवश्यक दवाओं के दाम में संशोधन किया है। साथ ही, एसिडिटी kr दवा का मूल्य भी तय कर दिया है।
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण एनपीपीए का कहना है कि पिछले साल मार्च से अब तक एक वर्ष में कैंसर की दवा की कीमत में 86 प्रतिशत तक की कमी आई है।
दूरसंचार कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्धा मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम के प्रमुख विजय शेखर शर्मा के साथ सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर पर सार्वजनिक हुई।
सरकार ने स्पष्ट किया कि स्टेंट की जो कीमत तय की गई है उसमें आठ प्रतिशत का मार्जिन पहले से शामिल है। मरीजों से अतिरिक्त शुल्क की मांग नहीं की जा सकती।
दिल के मरीजों का ख्याल रखते हुए मोदी सरकार ने कोरोनरी स्टेंट की कीमतें 85 प्रतिशत तक कम कर दी हैं। इस समय स्टेंट का मूल्य 25,000 से 1.98 लाख रुपए तक है।
सरकार ने 55 जरूरी दवा का अधिकतम मूल्य तय किया है, जिससे एचआईवी संक्रमण, मधुमेह सहित अनेक रोगों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की कीमत 44 प्रतिशत तक घटी।
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