करीब 33 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नोटबंदी का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था की सुस्ती के रूप में सामने आया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अध्ययन में पता चला है कि नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को दिए जाने वाले कर्ज में गिरावट आई।
उम्मीद से बेहतर GDP के आंकड़े से उत्साहित वित्त मंत्री ने कहा कि तीसरी तिमाही में 7% वृद्धि ने नोटबंदी के असर के बारे में बड़ी बड़ी बातों को झुठला दिया।
CSO चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी अनुमान कल जारी करेगा। दिसंबर तिमाही के इन आंकड़ों में नोटबंदी का प्रभाव सामने आने की उम्मीद है।
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