उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति कार, बाइक या उपरोक्त में कुछ भी बुक करता है तो संबंधित ड्राइवर का नाम, गाड़ी नंबर, इमरजेंसी नंबर पर पहुंच जाएगा। वो लाइव लोकेशन भी ट्रैक कर सकता है। जिससे बुक करने वाले व्यक्ति के रास्ते की जानकारी उसके परिवार जन को मिलती रहेगी। इस ऐप में इमरजेंसी नंबर भी होंगे।
उत्तर प्रदेश में इससे पूर्व 1976 में औद्योगिक शहर नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था। अब 47 साल बाद एक नए शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
प्रदर्शनी में एक जनपद एक उत्पाद जैसे बनारस की गुलाबी मीनाकारी व सिल्क, बांदा का संजर स्टोन, कन्नौज का इत्र, लखनऊ की चिकनकारी, मुरादाबाद का ब्रास वेयर, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी भी प्रदर्शित की जाएगी।
फिलहाल नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद अलग-अलग नीतियों के तहत सुविधा मिलती है जिसमें किसानों के बीच असमानता देखने को मिलती है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों ऐसे होम बायर्स हैं जो बिल्डर के बकाये के कारण अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं, जबकि वह पूरा पैसा दे चुके हैं।
फ्लैट खरीदारों के पक्ष में रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। ऐसे में उन बिल्डरों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। अगर अब भी वे सबलीज डीड नहीं कराते, तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रशासन कई अन्य बिल्डरों की संपत्तियों को भी नीलामी कराने की तैयारी कर रहा है। उप-जिलाधिकारी दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि पिछले माह जिला प्रशासन ने 101 बिल्डरो से यूपी रेरा की आरसी का 503 करोड़ रुपये वसूलने का अभियान शुरू किया था।
अथॉरिटी के अनुसार मानकों के तहत आवासीय परिसरों में दूरसंचार टावर लगाने की इजाजत नहीं है। लेकिन इस आदेश से टेलिकॉम कंपनियों की भी नींद उड़ी हुई है।
11 अगस्त 2022 से पहले सेक्टर 102, 115, 158 और 162 आदि सेक्टरों में आवासीय प्लॉट की कीमत 36200 वर्ग मीटर थी। ई श्रेणी वाले इन सेक्टरों में अब प्लॉट खरीदने का बेस प्राइस ही 45,380 रुपए वर्गमीटर हो गया है। उस पर भी ईऑक्शन के दौरान नीलामी होगी और इस बेस्ट प्राइस से ऊपर जो बढ़-चढ़कर बोली लगाएगा, उसे ही वह प्लॉट दिया जाएगा।
नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 86 गांवों की जमीन पर दिल्ली, नोएडा व गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) बसाने की तैयारी है।
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों के सबसे अधिक दस प्रतिशत का इजाफा किया गया है। ए-प्लस श्रेणी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बिल्डरों ने खेल सुविधाएं विकसित करने के बजाय प्राथमिकता पर फ्लैट बनाकर बेच दिए जबकि खेल सुविधाएं विकसित नहीं की। इसके बाद प्राधिकरण का करीब 8200 करोड़ रुपए बकाया भी नहीं दिया।
जमीन की वास्तविक कीमत 180 करोड़ रुपये है लेकिन पंजीयन शुल्क एवं पट्टा शुल्क मिलाकर दाम 250 करोड़ रुपये पर पहुंच गए। यह परियोजना अगले 24 महीने में पूरी होगी और कंपनी को इससे 1,200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है।
गुरुग्राम और नई दिल्ली की तुलना में नोएडा-ग्रेटर नोएडा का किफायती होना भी इसका यूएसपी बन गया है। इसके चलते देश समेत विदेशी निवेशक इस क्षेत्र में बन रहे रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट में निवेश कर रहे हैं।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में 4,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे होगा। एटीसी टावर 40 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा होगा।
नोएडा से ऑनलाइन ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दंपति ने गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया और उस पर कॉल मिलाई। थोड़ी देर बाद पीड़ित को मैसेज आया कि उसके अकाउंट से 8 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है।
कुल 40 हजार के आसपास वाटर मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा अब तक 2000 बड़े वाटर मीटर लगाए गए है। ये वाटर मीटर सोसायटी में लगाए गए है। अभी करीब 2 हजार बड़े वाटर मीटर और लगाए जाएंगे। वाटर मीटर लागने का काम 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।
नोएडा के सेक्टर-150 में औसत किराये में सबसे अधिक 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में किराया वर्ष 2019 में 15,500 रुपया हुआ करता था लेकिन पिछले साल यह लगभग 19,000 रुपये प्रति माह हो गया।
अगर आपको पास सेकेंड हैंड कार है तो आपने इसके रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट को अपडेट नहीं कराया है तो आपके गाड़ी को जब्त कर लिया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
कोरोना महामारी के बाद घरों की मांग तेज बनी हुई है। ये कारण कीमत में इजाफा कराएंगे। ऐसे में अब बिना देरी किए घर या दुकान का सौदा करना सबसे सही फैसला होगा।
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