एयरपोर्ट के मुख्य सिस्टम्स के लिए फैक्ट्री एक्सेप्टेंस टेस्ट पूरे हो गए हैं, और साइट पर उपकरण आने लगे हैं। चेक-इन कियोस्क, सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप्स, और ई-गेट्स का परीक्षण चल रहा है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्माण और विकास कार्य अग्रिम चरण में है और हम परिचालन तत्परता की राह में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह एक बड़ी और जटिल परियोजना है और निर्माण गतिविधियों के अगले कुछ सप्ताह महत्वपूर्ण हैं।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में रेस्तरां, कैफे और खान-पान से जुड़ा दूसरा टेंडर जारी कर दिया गया है। ये ठेका एचएमएसहोस्ट इंडिया दिया गया है।
देश भर के प्रमुख महानगरों के साथ-साथ टियर -2 और 3 शहरों को जोड़ने के लिए एक व्यापक एयर नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी है। नोएडा एयरपोर्ट का पहला फेज इस साल के आखिर तक फ्लाइट ऑपरेशन के लिए खुलने वाला है।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में 4,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे होगा। एटीसी टावर 40 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा होगा।
ग्रीनफील्ड परियोजना के पहले चरण का काम चल रहा है और इसे पूरा करने में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को पट्टे पर दी जाने वाली जमीन के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क माफ करने का फैसला किया।
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जेवर में प्रस्तावित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाइअड्डे को केंद्र सरकार की तरफ से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके 2022 तक चालू हो जाने की संभावना है।
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