आर्थिक सुस्ती को दूर करने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 4 प्रमुख सरकारी बैंकों पीएनबी, केनरा, यूनियन बैंक और इंडियन बैंक में छह अन्य बैंकों के विलय की घोषणा की। 10 बैंकों के मर्जर का फैसला देश के बैंकिंग इतिहास में दूसरा बड़ा फैसला है।
सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह सरकारी बैंकों में 55,250 करोड़ रुपये डालेगी, ताकि कर्ज देने को बढ़ावा दिया जा सके और विलय किए जाने वाले कर्जदाताओं का विनियामक अनुपाल सुनिश्चित की जा सके। इससे पहले सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी।
सरकार ने आर्थिक सुस्ती दूर करने और देश में विश्वस्तरीय बैंक बनाने की दिशा में बड़ी पहल करते हुये सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की शुक्रवार को घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बैंकों के मेगा मर्जर प्लान के दूसरे चरण को आगे बढ़ाते हुए कई बड़े ऐलान किए।
केंद्र सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की है। इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने 1971 के बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से सबसे बड़ी बैंकिंग सुधार की घोषणा की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है। बैंक का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए शुक्रवार को ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ विलय की घोषणा की है। इन बैंकों के विलय से पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। उनका कहा है कि सरकारी बैंकों में बड़े सुधार की जरुरत है। बैंकों ने अब कदम उठाने शुरू कर दिए है। 8 बड़े बैंकों ने अपनी ब्याज दरों रेपो रेट से जोड़ा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे नेशनल मीडिया सेंटर में मीडिया को संबोधित करेंगी। कहा जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया को संबोधित करते हुए आज बड़े ऐलान भी कर सकती हैं।
उपभोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य उपायों पर चर्चा चल रही है और आने वाले हफ्तों में इनकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि अवसंरचना पर व्यय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है।
मंत्री ने कहा कि इसलिए मेरी गुजारिश है कि कर वसूलने की प्रक्रिया में महत्वाकांक्षी न बनें। अगर इसमें थोड़ी कमी आती है तो भी इसे बड़ी आसानी से पूरा कर लिया जाएगा।
विपक्षी नेताओं को इस तरह के बयान देने से पहले अपनी पार्टी के पूर्व वित्त मंत्रियों से बात कर लेनी चाहिए थी।
डीबीएस ग्रुप रिसर्च में अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि सरकार के हालिया कदमों को देखते हुए उनका अनुमान है कि वह इन कदमों को और बेहतर बनाएगी।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किए गए कई बड़े ऐलान के बाद आज सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिल रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा बेहतर है।
केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे। इससे कॉर्पोरेट्स, खुदरा कर्जदारों, और छोटे व्यापारियों समेत अन्य को फायदा होगा। इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो करीब 12 फीसदी तक होगी। साथ ही कंज्यूमर सेंटीमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2022 में जब देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। सरकार उसी वर्ष अमीरों (सुपर रिच) पर कर-अधिभार की समीक्षा करेगी।
सीतारमण ने कर दायित्वों को कम करने और कर अधिकारियों के द्वारा कर उत्पीड़न की चल रही चिंताओं को दूर करने के लिए कई अन्य उपायों की भी घोषणा की।
सरकार ने ऋण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पीएमएलए नियमों और आधार नियमन में आवश्यक बदलाव करने का भी फैसला लिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई उपायों की घोषणा की।
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