सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए शुक्रवार को ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ विलय की घोषणा की है। इन बैंकों के विलय से पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। उनका कहा है कि सरकारी बैंकों में बड़े सुधार की जरुरत है। बैंकों ने अब कदम उठाने शुरू कर दिए है। 8 बड़े बैंकों ने अपनी ब्याज दरों रेपो रेट से जोड़ा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे नेशनल मीडिया सेंटर में मीडिया को संबोधित करेंगी। कहा जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया को संबोधित करते हुए आज बड़े ऐलान भी कर सकती हैं।
उपभोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य उपायों पर चर्चा चल रही है और आने वाले हफ्तों में इनकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि अवसंरचना पर व्यय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है।
मंत्री ने कहा कि इसलिए मेरी गुजारिश है कि कर वसूलने की प्रक्रिया में महत्वाकांक्षी न बनें। अगर इसमें थोड़ी कमी आती है तो भी इसे बड़ी आसानी से पूरा कर लिया जाएगा।
विपक्षी नेताओं को इस तरह के बयान देने से पहले अपनी पार्टी के पूर्व वित्त मंत्रियों से बात कर लेनी चाहिए थी।
डीबीएस ग्रुप रिसर्च में अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि सरकार के हालिया कदमों को देखते हुए उनका अनुमान है कि वह इन कदमों को और बेहतर बनाएगी।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किए गए कई बड़े ऐलान के बाद आज सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिल रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा बेहतर है।
केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे। इससे कॉर्पोरेट्स, खुदरा कर्जदारों, और छोटे व्यापारियों समेत अन्य को फायदा होगा। इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो करीब 12 फीसदी तक होगी। साथ ही कंज्यूमर सेंटीमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2022 में जब देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। सरकार उसी वर्ष अमीरों (सुपर रिच) पर कर-अधिभार की समीक्षा करेगी।
सीतारमण ने कर दायित्वों को कम करने और कर अधिकारियों के द्वारा कर उत्पीड़न की चल रही चिंताओं को दूर करने के लिए कई अन्य उपायों की भी घोषणा की।
सरकार ने ऋण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पीएमएलए नियमों और आधार नियमन में आवश्यक बदलाव करने का भी फैसला लिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई उपायों की घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार में दोबारा भरोसा जगाने के लिए शुक्रवार को तमाम राहत घोषणएं की।
देश की अर्थव्यवस्था में हाल के दिनों में आई सुस्ती को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है, निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत में आर्थिक मंदी का असर नहीं है और देश की ग्रोथ रेड चीन और अमेरिका से आगे है
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के पुराने विरासती मामलों को कम करने के लिए विवाद निपटान और माफी योजना एक सितंबर से चार महीने के लिए अमल में आ जायेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। जैसे ही यह बातचीत पूरी होती है सरकार इस बाबत निर्णय करेगी कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए और फिर उनकी घोषणा कर दी जायेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। दोनों के बीच यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जबकि सरकार को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रही नरमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे निवेशकों की सम्पत्ति का क्षरण हो रहा है और बेरोजगारी का संकट बढ़ रहा है।
सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से अनुबंध आधार पर विनिर्माण में 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है, सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा विदेश निवेश नीति के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
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