सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के तहत कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी-पूर्व दरों की तुलना में कर कम दर से कर लगाया गया है। बालों के तेल और साबुन जैसी वस्तुओं पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया।
भारत की चीन से तुलना करने वालों की आलोचना करते हुए सीतारमण ने कहा कि कुछ चीजें उनसे दोहराई नहीं जा सकीं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पेश किया। बजट के कुछ प्रमुख आकर्षण सामाजिक न्याय, गरीब कल्याण, देश का कल्याण, 'अन्नदाता' का कल्याण और नारी शक्ति के लिए गति हैं।
सीतारमण ने टैक्सपेर्य को कोई राहत नहीं दी। हालांकि 25,000 रुपये तक के छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए मध्यम वर्ग का भी ख्याल रखा। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर मिडिल क्लास का अपना घर हो। इसके लिए अगले 5 साल में 2 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे।
अंतरिम बजट 2024 हर किसी के लिए कुछ न कुछ तोहफा दे सकता है। इस बजट से नौकरीपेशा लोग टैक्स राहत की उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं, किसान, महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद है।
नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय बजट की छपाई के दौरान, अधिकांश अधिकारियों को बजट से पहले के दिनों में बाहरी दुनिया से बिना किसी संपर्क के कार्यालय में रहना पड़ता है। एक फरवरी को बजट पेश होने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी।
इमामी रियल्टी के एमडी और सीईओ डॉ. नितेश कुमार ने कहा कि हमारा अनुमान है कि बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने और औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की घोषणा होगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उत्पादक क्षमता और बुनियादी ढांचे में निवेश से रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निर्यातक संगठन ने कहा कि इस खर्च में बचत के लिए शिपिंग लाइन का विकास निजी क्षेत्र को शामिल कर किया जा सकता है। इससे विदेशी शिपिंग लाइन के लिए भारतीय उद्योग खासकर SME पर अनुचित दबाव डालना भी कम हो जाएगा।
कागज की विभिन्न श्रेणियों के आयात पर उपयुक्त सुरक्षा, एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग शुल्क शीघ्रता से लगाया जाना चाहिए। खास तौर से व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिश के बाद ऐसा तुरंत करना चाहिए।
इक्रा रेटिंग्स के मुताबिक, कर संग्रह बढ़ने से सरकार राजकोषीय सशक्तीकरण मार्ग से हटे बगैर मनरेगा, ग्रामीण सड़क, पीएम किसान सम्मान निधि और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी सामाजिक योजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित कर पाने की स्थिति में रहेगी।
लोहिया कंपनी के सीईओ, आयुष लोहिया ने कहा कि सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के पार्ट्स के लिए स्पष्ट नीति बनानी चाहिए, जिससे इस उद्योग में निष्पक्षता और पारदर्शिता हो। व्यापक विकास के समर्थन में व्यापक रूप से योजना बनाने के लिए ईवी प्रोत्साहन में वाणिज्यिक वाहनों को शामिल करना महत्वपूर्ण है।
Budget 2024 Expectations from tax payers : आयकर दाताओं की मांग है कि सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म ना करे और टैक्स फ्री इनकम को बढ़ाकर 8 लाख कर दे। करदाता 80डी डिडक्शन लिमिट को भी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
बजट निर्माण के समय नॉर्थ ब्लॉक की सुरक्षा बड़ी चाकचौबंद होती है। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की हर एक्टिविटी पर नजर रहते हैं। खास तौर पर स्टेनोग्राफर्स पर सबसे ज्यादा नजर रखी जाती है। इस तरह बेहद तगड़ी सुरक्षा में बजट बनकर तैयार होता है।
Budget 2024: आजादी के बाद से अब तक बजट में काफी कुछ बदलाव हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल 6वां बजट पेश करने जा रही हैं। वित्त मंत्री 1 फरवरी को 2023-24 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी।
सीतारमण एक फरवरी 2024 को लोकसभा में एक अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ''केरल सरकार को संसद द्वारा अनुमोदित केंद्र प्रायोजित योजनाओं के ब्रांडिंग दिशानिर्देशों का पालन करना था। इसे राज्य सरकार अपनी इच्छा के अनुसार बदल नहीं सकती है। इसलिए, पैसा जारी नहीं किया जा सका। अगर हम फिर भी पैसा जारी करते हैं, तो सीएजी हमसे सवाल करेगी, न कि राज्य सरकार से।''
सीतारमण ने कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) सहित बहुपक्षीय संस्थान कम प्रभावी हो गए हैं। सीतारमण ने वैश्विक आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियों को भी रेखांकित किया और जोर दिया कि निवेशकों तथा कंपनियों को निवेश संबंधी फैसले करते समय ऐसे कारकों को ध्यान में रखना होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल बैंकिंग प्रणाली में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक ऐसी राशि है जिस पर किसी का दावा नहीं है, जबकि ऐेसा कुल धन करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि जनधन योजना के जरिए आए बदलाव और डिजिटल परिवर्तन ने देश में वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) में क्रांति ला दी है।
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