दुनियाभर के निवेशक पिछले कई सालों से जापान की बेहद कम ब्याज दरों का फायदा उठा रहे हैं। ये फायदा "येन कैरी ट्रेड" नाम की एक रणनीति से उठाया जा रहा था। येन कैरी ट्रेड के तहत निवेशक कम ब्याज दरों पर येन में पैसा उधार लेते हैं और फिर इन पैसों को दूसरे देशों में शेयर या बॉन्ड जैसे हाई रिटर्न वाले ऐसेट्स में इंवेस्ट कर देत
सोमवार को दोपहर 2.28 बजे तक Nikkei 225 इंडेक्स 4,186.97 अंकों (11.66%) की भारी-भरकम गिरावट के साथ 31,722.73 अंकों पर कारोबार कर रहा था। पिछले हफ्ते शुक्रवार को भी Nikkei 225 में 5.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन का समग्र सूचक निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में गिरकर 52.3 हो गया, जो कि जून में 53.1 था।
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल महीने में मामूली सुधार हुआ है। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर में तेजी, मांग की अनुकूल स्थितियों के बीच महंगाई के दबाव का कम होना रहा।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च माह में गतिविधियां तेज हुई हैं। बड़ी मात्रा में नया कामकाज आने के बाद सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई। इसके परिणामस्वरूप कंपनियों में रोजगार सृजन तेजी से बढ़ा है और यह पिछले सात वर्ष के उच्चस्तर पर पहुंच गया।
कारखानों में उत्पादन और नए कारोबारी ऑर्डर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने से देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों फरवरी में चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, जनवरी के मुकाबले इसमें गिरावट मामूली रही।
हफ्तेभर के दौरान हांगकांग का हैंगसैंग 9.5 प्रतिशत, चीन के बाजार शंघाई में 9.6 प्रतिशत और जापान के बाजार निक्केई 225 में 8.2 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है
देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में साल के पहले महीने यानी जनवरी में तेजी बनी रही। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नये कारोबारी ऑर्डरों में वृद्धि के चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियां तीन महीने में सबसे तेज रही।
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसकी अहम वजह कारखानों का उत्पादन, नए ऑर्डर और रोजगार वृद्धि का धीमा रहना है। यह बात कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण में सामने आयी है।
सालभर परेशानियों के दौर से जूझने वाले भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2017 का अंतिम महीना शानदार वृद्धि लाने वाला रहा। दिंसबर में परिचालन स्थितियां बेहतर रहने से यह पांच महीने के उच्च स्तर पर रहा।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 33,624.49 का ऊपरी स्तर छुआ है और फिलहाल 105.80 प्वाइंट की तेजी के साथ 33,584.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा है
GST के कारण अक्टूबर में निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर में घटकर 50.3 पर आ गया, जो सितंबर में 51.2 पर था।
शेयर बाजार में पिछले चार दिनों से जारी तेजी पर आज विराम लग गया और मुनाफा वसूली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 79.68 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।
निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त में मामूली तौर पर सुधरकर 47.5 रहा है जो जुलाई में 45.9 था।
GST लागू होने का असर सर्विस सेक्टर पर भी दिखाई दिया। जुलाई में GST लागू होने के बाद सर्विसेज PMI पिछले चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गई।
नए ऑर्डर मिलने से जून माह के दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जोरदार उछाल आया है और इस क्षेत्र का PMI आंकड़ा 53.1 अंक पर पहुंच गया।
मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र के उत्पादन की निगरानी करने वाला निक्केई इंडिया का सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई में बढ़कर 52.2 पर पहुंच गया।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल में लगातार चौथे महीने वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, वृद्धि में इससे पिछले महीने के मुकाबले ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया।
देश का सर्विस सेक्टर PMI में लगातार दूसरे महीने बढ़ा। निक्केई सर्विसिज के मुताबिक फरवरी के मुकाबले मार्च में सर्विस सेक्टर PMI 50.3 से बढ़कर 51.5 हो गया है।
निक्की मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अनुसार फरवरी में विनिर्माण सूचकांक बढ़कर 50.7 रहा जो जनवरी के 50.4 के आंकड़े से अधिक है।
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