सेंसेक्स में सबसे अधिक 2.13 प्रतिशत की बढ़त टेक महिंद्रा में हुई। इसके अलावा विप्रो, एचसीएल टेक, टाइटन, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व, मारूति और बजाज फाइनेंस भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
प्राइम डाटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की दिसंबर तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी एनएसई में सूचीबद्ध 871 कंपनियों में बढ़कर 7.32 फीसदी पर पहुंच गई है।
सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील का शेयर 3.10 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में रहा। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स और टाइटन में भी प्रमुख रूप से तेजी रही।
बाजर विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार ने फेड और रूस-यूक्रेन तनाव से संभावित नतीजों पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
एनएसई निफ्टी 302.70 अंक लुढ़ककर 17,213.60 अंक पर बंद हुआ। बजट के बाद से बाजार में तेजी गायब है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बीच बाजार भागीदारों की नजर इस सप्ताह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नीतिगत समीक्षा बैठक पर होगी।
टेक महिंद्रा, इंफोसिस, विप्रो, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक और कोटक बैंक के शेयर भी घाटे में रहे।
सेंसेक्स में सबसे अधिक दो प्रतिशत की बढ़त पावरग्रिड में हुई। इसके अलावा आईटीसी, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक और बजाज फिनसर्व के शेयर भी बढ़त में देखे गए।
जानाकारों का कहना है कि बजट पेश होने के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
शेयर बाजार खुलने के साथ सेंसेक्स में 700 से ज्यादा अंकों की बढ़त देखने को मिली थी। वहीं, निफ्टी ने डबल सेंचुरी मारी और 200 अंकों की बढ़त के साथ खुला था।
AK Spintex: यह मल्टीबैगर स्टॉक 24.50 रुपये से बढ़कर 103.10 रुपये के भाव पर पहुंच गया है। एक महीने में इस स्टॉक में लगभग 320 प्रतिशत का उछाल आया है।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिये निवेश का मूल्य दिसंबर, 2021 के अंत तक बढ़कर 95,501 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो नवंबर के अंत तक 94,826 रुपये था।
इस बार वित्त मंत्री की बजट पोटली से पांच अहम सेक्टर को बंपर सौगात मिल सकती है। जिन सेक्टर को इस बार बजट में खास तवज्जो मिलने की उम्मीद है उनमें कृषि, रियल एस्टेट, ऑटो (ईवी), मैन्युफैक्चिरिंग और हेल्थकेयर शामिल है।
ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि अगले सात दिन बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसके पीछे वैश्विक और घरेलू धनाक्रम शामिल हैं जिनमें अमेरिकी फेड के फैसले और आम बजट है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बड़ी गिरावट को देखकर म्यूचुअल फंड निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए। अपने सिप को चालू रखना चाहिए। वहीं, अगर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई और अब रिकवरी आने की बात विशेषज्ञ कर रहे हैं तो आप एकमुश्त रकम निवेश कर सकते हैं।
शेयर बाजार एक्सपर्ट हर्ष रुंगटा ने इंडिया टीवी को बताया कि अमेरिकी फेड के बयान जिसमें उसने ब्याज दरा में बढ़ोतरी की बात कि है उसका असर दुनिया सहित भारतीय बाजार पर दिख रहा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, अवकाश के कारण यह सप्ताह छोटा है, और घटनाओं तथा आंकड़ों के लिहाज से महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और इंफोसिस, एचसीएल टेक तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे बड़े शेयरों में बिकवाली से आज भी बाजार में बड़ी गिरावट आई है।
हमें उम्मीद है कि बजट और सुधारों से आर्थिक गतिविधियों में तेजी और खपत को और बढ़ावा मिलेगा। सरकार का फोकस हेल्थकेयर सेक्टर, ग्रामीण और कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टरों पर रहेगा।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के शेयर में गिरावट के वैश्विक रूझान के अनुरूप सेंसेक्स में 1.7 प्रतिशत की गिरावट इंफोसिस में हुई।
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