केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई टेलीकॉम पॉलिसी जिसका नाम नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी (एनडीसीपी) 2018 है, को अपनी मंजूरी दे दी है।
दूरसंचार आयोग ने नेट निरपेक्षता पर ट्राई द्वारा दी गई सिफारिशों को आज अपनी मंजूरी दे दी। ये नियम सेवा प्रदाताओं को इंटरनेट पर किसी सामग्री और सेवा के साथ किसी प्रकार के भेदभाव पर रोक लगाते हैं।
दूरसंचार क्षेत्र के उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर (करीब 6.5 लाख करोड़ रुपए) का निवेश आकर्षित करने की सरकार की योजना को उम्मीद के मुकाबले कहीं कम बताया है।
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि नई दूरसंचार नीति अगले महीने आ सकती है। यहां संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि हम इस (दूरसंचार नीति) को चार हफ्ते में मंत्रिमंडल के समक्ष रखना चाहते हैं।
सरकार नयी राष्ट्रीय दूरसंचार नीति के तहत डाटा संप्रभुता का प्रावधान करते हुए भारतीय उपयोक्ताओं से जुड़ा डाटा रखने वाली सभी कंपनियों से 2022 तक अपने सर्वर भारत में लगाने को कह सकती है। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी। नई दूरसंचार नीति 2018 का मसौदा 1 मई को जारी होने की उम्मीद है।
टेलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि नई टेलीकॉम पॉलिसी एप्लीकेशन आधारित होगी, जबकि मौजूदा पॉलिसी कनेक्टिविटी आधारित है।
नई टेलिकॉम पॉलिसी के लिए सरकार अब जनता की राय भी लेगी। सरकार का लक्ष्य टेलिकॉम नीति को उपभोक्ता केंद्रित रखना है। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है।
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