विनिर्माण कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण की सोमवार को जारी एक रपट में यह बात सामने आयी है
नए ऑर्डर के बढ़ने से सेवाओं के कारोबार में इस वर्ष जून में पुन: तेजी लौट आयी और इस क्षेत्र में एक साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। निक्केई/आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जून में 52.6 के स्तर पर पहुंच गया जो जून 2017 के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है।
सालभर परेशानियों के दौर से जूझने वाले भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2017 का अंतिम महीना शानदार वृद्धि लाने वाला रहा। दिंसबर में परिचालन स्थितियां बेहतर रहने से यह पांच महीने के उच्च स्तर पर रहा।
देश के विनिर्माण क्षेत्र (PMI) ने नवंबर में मजबूत वृद्धि अर्जित की गई है। इसकी कारोबारी गतिविधियों में पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई है।
इंजीनियरिंग, अधिग्रहण और निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनी KEC इंटरनेशनल को 945 करोड़ रुपए के नए ऑर्डर मिले हैं।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल में लगातार चौथे महीने वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, वृद्धि में इससे पिछले महीने के मुकाबले ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया।
Sebi ने ISG ट्रेडर्स पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही अरंडी बीज की ट्रेडिंग में गड़बड़ी के मामले में एक ब्रोकर से प्रतिबंध हटा लिया है।
एसपीएमएल (SPML) इंफ्रा को पश्चिम बंगाल और हरियाणा में बिजली पारेषण और वितरण के लिए 250 करोड़ रुपए मूल्य के नए ऑर्डर मिले हैं।
नोटबंदी का असर देश के सर्विस सेक्टर की गतिविधियों पर पड़ा है। दिसंबर में लगातार दूसरे महीने सर्विस सेक्टर के कारोबार में संकुचन हुआ और नए ऑर्डर भी घटे हैं।
नोटबंदी के चलते नवंबर माह में पीएमआई की वृद्धि रफ्तार धीमी पड़ी। नकदी की कमी के चलते घरेलू खपत कमजोर पड़ने से वस्तुओं के उत्पादन, नए ऑर्डर पर असर पड़ा है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट अक्टूबर में पिछले 22 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस दौरान नए ऑर्डर, खरीद और उत्पादन में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई।
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