मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेगलुरु, चेन्नई और कोलकाता में पिछले साल के मुकाबले इस बार सीजनल नौकरियों में 15 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिल सकती है।
इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना। पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि 8.87 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.49 लाख नई महिला सदस्य हैं।
इंडिया इंक में कुल मिलाकर औसत वेतन वृद्धि पिछले साल की तुलना में स्थिर है, लेकिन ई-कॉमर्स, वित्तीय सेवाओं और पेशेवर सेवा फर्मों जैसे कुछ क्षेत्र 2024 में महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि करदाता अगर जानकारी सही दें और बैंक ब्योरा सही भरें, तो रिफंड में देरी नहीं होगी। गुप्ता ने कहा, हमारा जोर रिफंड में तेजी लाने, लंबित कर विवादों का समाधान करने समेत करदाताओं को मिलने वाली सेवाओं में और सुधार लाने पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, “नौकरी के कम अवसरों के बावजूद, नौकरियां पैदा होने और नियुक्तियों के बीच असंतुलन कंपनियों के लिए सही प्रतिभा खोजने में चल रही कठिनाइयों को दर्शाता है।” इसमें कहा गया कि 2023 में कुछ क्षेत्रों ने उल्लेखनीय मजबूती और वृद्धि दिखाई और जो चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच सफल हो गए।
कंपनियों ने नियुक्तियों के मामले में सीनियर प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता देना जारी रखा है। यह ट्रेंड 2023 के अधिकांश समय में देखने को मिला है। 16 वर्ष से अधिक के अनुभव वाले सीनियर प्रोफेशनल्स की भर्ती में 2023 की अक्टूबर-नवंबर की अवधि में सालाना आधार पर 26 फीसदी की जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है।
ब्लू-कॉलर नियोक्ताओं (49 प्रतिशत) ने 2023 में जनरेशन जेड टैलेंट (26 साल से कम उम्र वाले) की तलाश की, जबकि व्हाइट-कॉलर (41 प्रतिशत) ने मिलेनियल (27 से 41 की उम्र के) उम्मीदवारों की तलाश की।
White Collar Jobs: रिपोर्ट से पता चला है कि तीन साल तक के अनुभव वाले फ्रेशर्स सात साल से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ और मध्य-वरिष्ठ स्तर के पेशेवरों की तुलना में नौकरी पाने में आगे हैं।
त्योहारी सीजन में युवाओं के लिए एक और अच्छी खबर आई है। देश में बेरोजगारी दर छह साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। यानी रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी घटी है। जानकारों का कहना है कि त्योहारी सीजन में रोजगार के और मौके बनेंगे। इससे बेरोजगारी दर में और गिरावट की उम्मीद है।
जॉब पोर्टल इनडीड की रिपोर्ट के अनुसार, 27 प्रतिशत कंपनी मालिक इस त्योहारी सीजन के दौरान कर्मचारियों को बढ़ी हुई कमाई की पेशकश कर रहे हैं। नौकरी चाहने वालों के लिए कंपनियों ने ज्यादा सैलरी और काम के आधार पर बोनस देने के लिए कमर कस ली है।
यह रिपोर्ट देश के 14 भौगोलिक क्षेत्रों में 18 उद्योगों की 737 लघु, मझोली और बड़ी कंपनियों के बीच सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें महानगर, पहली और दूसरी श्रेणी के शहर शामिल हैं।
त्योहारों के दौरान बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए कंपनियां बंपर भर्ती की तैयारी कर रही हैं। यानी अगले तीन महीने युवाओं के लिए नई नौकरी पाने का सुनहरा मौका है।
कंपनी को त्योहारी सत्र से पहले अपनी आपूर्ति श्रृंखला में एक लाख से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
उत्तरी अमेरिका में नियोक्ताओं ने सबसे मजबूत भर्ती के इरादे की सूचना दी, इसके बाद एशिया प्रशांत (प्लस 31 प्रतिशत), मध्य और दक्षिण अमेरिका (प्लस 29 प्रतिशत) और ईएमईए (प्लस 20 प्रतिशत) का स्थान रहा।
करीब 50 फीसदी कंपनियों ने नई भर्तियों के अलावा पुराने पदों पर नियुक्तियों की उम्मीद जताई है। वहीं 29 प्रतिशत कंपनियों ने सिर्फ नई भर्तियों की बात कही है जबकि 17 प्रतिशत ने कर्मचारियों की संख्या बरकरार रखने की बात कही है।
EV Market: मंगलवार को संसद में पेश किए गए सर्वे में कहा गया है कि दिसंबर 2022 में भारत बिक्री के मामले में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया।
देश और दुनिया में काफी तेजी से छंटनी हो रही है। इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। देश में नए मौके नौकरी जाने की तुलना में कई गुना मिल रहे हैं। इस खबर में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी ने 1.03 लाख नए लोगों को नौकरी दी और वित्त वर्ष 2023 में अभी तक शुद्ध रूप से लगभग 55,000 लोगों को भर्ती कर चुकी है।
एक तरफ जहां दुनिया मंदी की चपेट में आती जा रही है, अलग-अलग कंपनियां अपने यहां छंटनी रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस देश में सिर्फ नवंबर महीने में 2 लाख से अधिक लोगों को नौकरी मिली है।
Festive Bonanza: सर्वे में 41 देशों और क्षेत्रों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 40,600 नियोक्ताओं की राय ली गई। सर्वे के अनुसार, भारत में 64 प्रतिशत कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएंगी।
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