एनपीपीए को ये दवाएं बनाने वाली कंपनियों से कीमतों में बढ़ोतरी की मांग वाले आवेदन मिल रहे थे। इन आवेदनों में कंपनियों ने दवा सामग्री की बढ़ती लागत, बढ़ते उत्पादन लागत और एक्सचेंज रेट में बदलाव जैसे अलग-अलग कारणों का हवाला दिया गया है।
एक साल पहले यानि 14 फरवरी 2017 को सरकार ने स्टेंट की कीमतों में करीब 85 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। अब एक साल बाद सरकार ने फिर से कीमतों में कटौती की है
ऐसी दवाएं जो प्राइस कंट्रोल के दायरे में नहीं आती हैं उनके लिए भी NPPA की तरफ से दवा कंपनियों के लिए कीमत घटाने को लेकर एडवायजरी जारी हुई है
दवा मूल्य नियामक एनपीपीए (NPPA ) ने छह आवश्यक दवाओं के दाम में संशोधन किया है। साथ ही, एसिडिटी kr दवा का मूल्य भी तय कर दिया है।
दिल के मरीजों का ख्याल रखते हुए मोदी सरकार ने कोरोनरी स्टेंट की कीमतें 85 प्रतिशत तक कम कर दी हैं। इस समय स्टेंट का मूल्य 25,000 से 1.98 लाख रुपए तक है।
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