वित्त वर्ष 2022-23 में तीन प्रमुख सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ था। हालांकि, सरकार की देखरेख में इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपने नुकसान को काफी कम किया है।
पीठ ने पीड़ित के टैक्स रिकॉर्ड और पे स्लिप को ध्यान में रखते हुए मृतक की वार्षिक आय 12.3 लाख रुपये तय की और इंश्योरेंस कंपनी को 1.85 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
सरकार ने 2020-21 के बजट में इन कंपनियों में 6,950 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रावधान किया था।
डायबिटीज के रोगियों के लिए बीमा पॉलिसी लेना काफी मुश्किल है। सबसे पहले ICICI Prudential Life Insurance ने डायबिटीज केयर पॉलिसी लॉन्च की थी लेकिन अब यह उपलब्ध नहीं है। अभी बाजार में अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस की एनर्जी और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की डायबिटीज सेफ पॉलिसी डायबिटीज पीडि़तों के लिए उपलब्ध है।
सार्वजनिक क्षेत्र की यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम. एन. शर्मा ने कहा कि हम यूनाइटेड इंडिया में दो अन्य कंपनियों का विलय चाहते हैं। क्षेत्र की तीन कंपनियों में यूनाइटेड इंडिया सबसे बड़ी है। हम चाहते हैं कि उनका विलय हमारी कंपनी में हो।
जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में लगातार बढते घाटे जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम 10-15% तक बढाने की योजना बना रही हैं।
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