कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को केंद्रीय बजट 2021-22 का स्वागत करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक कृषि ऋण और फसल उपरांत अवसंरचना उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करके किसानों की आय दोगुनी करने को प्राथमिकता दी गई है।
2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अबतक जो खेती हुई है उसमें तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6 गुना से भी ज्यादा आगे चल रहा है जबकि दलहन का रकबा 3 गुना आगे है।
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
शहद उत्पादन और इसके निर्यात में वृद्धि से यह प्रदर्शित हो रहा है कि इस काम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, उनके जीवनस्तर में बदलाव आ रहा है और उनकी आमदनी भी बढ़ रही है।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र किसानों को तीन बराबर किस्तों में सालाना 6,000 रुपए का भुगतान कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में मोदी कैबिनेट ने किसानों को बड़ा दिया तोहफा दिया है।
भारत अपने अतिरिक्त उत्पादन के जरिये श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों की दालों की जरूरत को पूरा कर सकता है।
खाने के तेल के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से अब घरेलू खाद्य तेल उद्योग ने अगले पांच साल में देश में सरसों का उत्पादन बढ़ाकर 200 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है।
दोनों देश एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और इस लिहाज से व्यापार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
खाने के तेल की महंगाई को लेकर गंभीर हुई मोदी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ) की तैयारी तेज कर दी है।
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र ने कहा कि प्याज के दाम को काबू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के बजाए कई लोग (मुख्यमंत्रियों) इस मसले पर राजनीति करने लगे।
कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 11,379 व्यक्तियों ने 2016 के दौरान आत्महत्या कर ली थीं लेकिन उसके बाद से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में सरकार ने कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को बताया कि किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लिए सरकार ने एक रोडमैप बनाया है।
किसानों के पंजीकरण को आसान बनाने के लिए पीएम-किसान पोर्टल पर फार्मर्स कॉर्नर की विशेष सुविधा प्रदान की गई है। इसके जरिये किसान खुद ही अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
मंत्री ने बताया कि लगभग 7.6 करोड़ किसानों को 30 नवंबर, 2019 तक इस योजना के तहत फायदा मिला है।
देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारिता व्यापार मेला (आईआईसीटीएफ) 2019 का आयोजन किया जा रहा है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी आश्वासन दिया कि प्याज की कीमतें अगले कुछ दिनों में कम होना शुरू हो जाएंगी। इसके भाव देश के कुछ भागों में इस समय में 70-80 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास चल रहे हैं।
इस योजना में शमिल किसानों को 60 साल की आयु पूरी करने पर 3,000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी।
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम-केएमवाई) के लिए रजिस्ट्रेशन का काम शुक्रवार से शुरू हो गया है। सरकार ने आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी। अगर किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को 1500 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।
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