भारत ब्रांड योजना के तहत केंद्र सरकार सस्ते दामों पर आटा, चावल और दाल की बिक्री करती है। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी इस योजना के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मुंबई और चेन्नई में प्याज कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
सरकार ने सब्सिडी पर टमाटर 90 रुपये प्रति किलो की दर से बेचना शुरू किया था, जो पहले 70, फिर 50 रुपये का हो गया था, अब कीमतें और कम हो गई हैं।
केंद्र ने बुधवार को नेफेड और एनसीसीएफ को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने और प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में वितरित करने का निर्देश दिया है
नैफेड के साथ मिलकर 'एक जिला, एक उत्पाद' (ओडीओपी) पहल के तहत इस ब्रांड को पेश किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को अतिरिक्त आय के साधन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिये लगातार कदम उठाये जा रहे हैं
नाफेड के दिल्ली में दस और शिमला में दो खुदरा बिक्री केन्द्र हैं। यह अस्पतालों, होटलों और सरकारी विभागों को किराना उत्पादों की संस्थागत बिक्री में भी शामिल है।
भारत का पूर्वी पड़ोसी देश बांग्लादेश इस साल 1.5 लाख मीट्रिक टन चावल हमारे देश से आयात करेगा।
नाफेड ने कहा कि इस बार उसने प्याज की गुणवत्ता और आकार पर खासतौर से जोर दिया है, जो भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद से मेल खाता हो।
बोली जमा करने की अंतिम तारीख 4 नवंबर है और प्राप्त होने वाली बोलियों को उसी दिन खोला जाएगा।
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले।
पहले 60 रुपए किलो मिलने वाली प्याज की कीमत 80 से लेकर 100 रुपए किलो तक पहुंच गई है।
नाफेड ने कहा कि उसने पिछले साल मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत 2018-19 की रबी (सर्दियों) की फसल से 57,000 टन प्याज खरीदा था।
नाफेड ने एक बयान में कहा कि इस पहल से कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान प्याज की घरेलू कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी
सबसे अच्छे किस्म का प्याज खुदरा बाजार में धीरे-धीरे 150 रुपए किलो के भाव की ओर बढ़ रहा है। राज्य सरकार की एजेंसियां हालांकि स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी आश्वासन दिया कि प्याज की कीमतें अगले कुछ दिनों में कम होना शुरू हो जाएंगी। इसके भाव देश के कुछ भागों में इस समय में 70-80 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास चल रहे हैं।
सरकार ने यह कदम इन खबरों के बाद उठाया है कि कुछ आतंकवादियों ने सेब उत्पादकों से अपने उत्पादन को बाजार में नहीं बेचने की धमकी दी है।
देश के 2 बड़े चना उत्पादक राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने रिकॉर्डतोड़ चने की खरीद की है। सरकारी एजेंसी नैफेड के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 6 जून तक एजेंसी ने देशभर में कुल मिलाकर 22,58,654 टन चने की खरीद की है। देश में कभी भी चने की इतनी ज्यादा सरकारी खरीद नहीं हुई है
घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले बड़े चूककर्ताओं (डिफॉल्टर्स) की देनदारी इस वर्ष मार्च में बढ़कर 15,171.91 करोड़ रुपए हो गयी है, जो कि पिछले महीने से 1.8 प्रतिशत अधिक है। इसमें नाफेड (Nafed) का नाम भी शामिल है।
आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश रखने के लिए एमएमटीसी 2,000 टन प्याज का आयात करेगी, जबकि नाफेड और एसएफएसी स्थानीय स्तर पर 12,000 टन का खरीद करेगी।
लेटेस्ट न्यूज़