समाप्त वित्त वर्ष के दौरान बैंक की उधारी 2.06 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.18 लाख करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2021- 22 के लिए उसकी बाजार से 3.7-3.9 लाख करोड़ रुपये के करीब उधार लेने की योजना है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने शनिवार को कहा कि उसने ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष (आरआईडीएफ) के तहत देशभर में विभिन्न ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 30,200 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
नाबार्ड दीर्घकालीन बांड के जरिये कोष जुटाता है। इन बांडों की अवधि सामान्य तौर पर 10 से 15 साल होती है।
यह कदम दूसरी नरसिम्हन समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिश के अनुरूप उठाया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बैकिंग क्षेत्र से जोड़ने के लिए चलाए गए वित्तीय समावेशन अभियान का व्यापक लाभ हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों के 88.1 प्रतिशत परिवारों के पास बचत खाते हैं।
ष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक एसके बंसल ने आज दावा किया कि देश में नाबार्ड ही एक ऐसी संस्था है, जिसकी गैर निष्पादन अस्तियां (एनपीए) शून्य हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राष्ट्रीय कृषि एवं भूमि विकास बैंक (नाबार्ड) से 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की।
NABARD ने RBI के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि किसानों की कर्जमाफी नैतिक संकट है। NABARD के अनुसार, इस तरह की सुविधाएं केवल जरूरतमंदों को ही दी जानी चाहिए।
नाबार्ड की योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत बनने वाले मकानों के लिए वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराने की है।
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