आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
घरेलू निवेशकों ने एसआईपी के जरिये अप्रैल महीने में म्यूचुअल फंड में 72,800 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
इक्विटी फंड्स को यदि आप 12 महीने तक या इससे अधिक अवधि के लिए होल्ड रखते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म इनवमेंट माना जाता है।
आइए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में बच्चे के व्यस्क होने के बाद आपको क्या प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
छोटो निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प होता है। पिछले 5 वर्षों में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद कई म्यूचुअल फंड ने शानदार रिटर्न दिया है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई निवेशक 25 वर्ष की आयु में ही निवेश शुरू करता है तो वह आसानी से 50 की उम्र में 11 करोड़ रुपये का मालिक बन सकता है।
बीते कुछ वर्षों में शेयर बाजार और इसके अन्य उपकरणों में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है। इसका एक कारण भारतीय शेयर बाजारों द्वारा दिया गया रिकॉर्ड रिटर्न है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बड़ी गिरावट को देखकर म्यूचुअल फंड निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए। अपने सिप को चालू रखना चाहिए। वहीं, अगर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई और अब रिकवरी आने की बात विशेषज्ञ कर रहे हैं तो आप एकमुश्त रकम निवेश कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन के तहत सेबी कोष के लिये वित्त वर्ष 2023-24 से भारतीय लेखा मानकों (इंडिया एएस) का अनुकरण करने को अनिवार्य बनाएगा।
आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
अपने बच्चे की शिक्षा के लिए कहां निवेश करें और निवेश में वृद्धि कैसे होगी इसका फैसला करने से पहले, यहां कुछ कारक हैं जिनपर हमेशा ध्यान देना चाहिए
अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत जी जरूरी है।
अगर आपको भी कैश की कमी हो रही है तो आप अपने म्यूचुअल फंड को बंद न करके उसमें निवेश किए कुछ पैसे रिडीम कर सकते हैं।
आरबीआई ने कहा कि वह सतर्क है और कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
परिसंपत्तियों के आकार के आधार पर एचडीएफसी म्यूचुअल फंड शीर्ष स्थान पर है। उसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति 3,82,517 करोड़ रुपए रही।
हम आपको कुछ ऐसे टॉप म्यूचुअल फंड्स के बारे में बता रहे हैं, जिनमें मध्यम अवधि से लेकर दीर्घ अवधि तक के लिए निवेश किया जा सकता है।
पूंजी बाजार में गतिविधियां बढ़ने के साथ ही निजी क्षेत्र की पीपीएफएएस म्यूचुअल फंड कंपनी के प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति बढ़कर 2,700 करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई है।
क्लीयर टैक्स के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता यहां ऐसे पांच कारण बता रहे हैं कि आपको टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) में निवेश करने पर विचार क्यों करना चाहिए।
Arthlabh.com के आंकड़े बताते हैं कि परिसंपत्तियों के वर्गों के बीच में जब निवेश किया जाता है तो यह सहज निवेश के अनुभवों को लंबी अवधि में सुनिश्चित करता है।
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